राही जागो हुआ अब सवेरा भजन
राही जागो हुआ अब सवेरा,
सारी रजनी तो सो ही चुके हो,
अपनी जीवन की अनमोल श्वासा,
व्यर्थ विषयों में खो ही चुके हो।
अपना प्रारब्ध हो जैसे जहां से,
वैसे परिणाम मिलते वहां से,
मीठे फल अब मिलेंगे कहां से,
बीज कड़वे तो बो ही चुके हो।
मांगता ही रहा भोग भिक्षा,
पूरी हुई ना कभी मन की इच्छा,
भूलकर संत सदगुरु की शिक्षा,
सैंकड़ो बार रो ही चुके हो।
राम सीता प्रणत के हैं पालक,
सोचो राजेश हम उनके हैं बालक,
बन के बेकार दुनिया में मालिक,
व्यर्थ का बोझ ढो ही चुके हो।
राही जागो हुआ अब सवेरा,
सारी रजनी तो सो ही चुके हो,
अपनी जीवन की अनमोल श्वासा,
व्यर्थ विषयों में खो ही चुके हो।
राही जागो हुआ अब सवेरा,पूरी रजनी तो सो ही चुके हो | bhajan raahi jago hua ab savera rajeshwaranand
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।
|