सब तीरथ कर आई तूं बढ़िया
सब तीरथ कर आई तूं बढ़िया,
सब तीरथ कर आई तूं बढ़िया,
गंगा नाई गोमती नाई,
अड़सठ तीरथ धाई,
नित नित उठ मंदिर में आई,
तो भी ना गई कड़वाई।
सतगुरु संत के नज़र चढ़ी तब,
अपने पास मंगाई,
काट कूट कर साफ़ बनाई,
अंदर राख मिलाई,
राख मिलाकर पाक बनाई,
तब तो गई कड़वाई।
अमरुत जल भर लाई तुंबडीया,
संतन के मन भाई,
ये बाता सब सत्य सुनाई
झूठ नहीं रे मेरे भाई
दास सतार तुंबडीया फिर तो,
करती फिरे ठकुराई ।
सब तीरथ कर आई तूं बढ़िया,
सब तीरथ कर आई तूं बढ़िया,
गंगा नाई गोमती नाई,
अड़सठ तीरथ धाई,
नित नित उठ मंदिर में आई,
तो भी ना गई कड़वाई।
Sab Tirath Kar Aayi Tumbadiya Narayan Swami Bhajan - Gujarati Mi
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