सत्य सनातन रैप सोंग लिरिक्स Satya Sanatam Rap Song Lyrics

सत्य सनातन रैप सोंग लिरिक्स Satya Sanatam Rap Song Lyrics


सत्य सनातन रैप सोंग लिरिक्स Satya Sanatam Rap Song Lyrics

मैं राजा भरत का वंशज हूं,
भारतवासी कहलाता हूं,
जिस सत्य से तुम वंचित हो,
वो सत्य मैं तुम्हें बताता हूं।

जो हमको कभी बताया ना,
मैं राज बताने आया हूं,
कुछ लोगों को बर्दाश्त नही,
जो आज बताने आया हूं।

मेरे देश को पहले बांट दिया,
कभी मजहब पर कभी जाति में,
जो धर्म न छोड़े काट दिया,
और दबा दिया इस माटी में।

ये आजादी नहीं मिली हमें,
किसी गांधी जी के डंडे से,
वो वीर भगत लटकाया था,
हाय फांसी के उस फंदे पे।

तुम खुद को हिंदू कहते हो,
और हिन्दी भाषा बोलते हो,
पर हिंदी शब्द है उर्दू का,
फिर क्यों उर्दू नहीं बोलते हो।

जब धर्म सनातन अपना हैं,
और  संस्कृत है भाषा भी,
क्या मंदिर देश में बचे नहीं,
जो जाके टेक ते माथा नहीं।

तुम चादर बहा चढ़ाते हो,
जो देश को खा गए आधा जी,
तुम जाके सीस नवाते हो,
जो देश को खा गए आधा जी।

अरे कैसे तुम सब भूल गए,
जो वीर कभी कुर्बान हुए,
जो देश के खातिर मिट गए,
कुछ बालक और जवान हुए।

तुम 26/11के मुलजिम को,
बिरयानी खिलाते हो,
तुम पुलवामा के हादसे के दिन,
वेलेंटाइन मानते हो।

तुम्हे वीर शिवाजी याद नहीं,
और महाराणा को भुलोगे,
वो कैप्टन विक्रम बत्रा थे,
जो लिपटे आए फूलों में।

तुम चर्म के भूखे खुदकी तुलना,
करते कृष्णा राधा से,
तुम कृष्ण को अलग समझते हो,
और वंचित रह गए राधा से।

तुम्हें शिव शक्ति का ज्ञान नहीं,
जो श्रृष्टि परम विधाता है,
वो मेजर युनिकृष्णन थे,
जो ताज से सबको बताता है।

प्रिंस रावण का अभिमान नहीं,
श्री राम की महिमा गाता है,
प्रिंस रावण का अभिमान नहीं,
श्री राम की महिमा गाता है।

तुम्हें राम राम में शर्म लगे,
हाय हैलो तुमको कूल लगे,
जो माथे तिलक लगाते हैं,
वो फिर क्यों तुमको फूल लगे।

गर गऊ हमारी माता है,
तो बैल भी अपना बाप है,
गर गाय में सीता बसती है,
तो बैल में बसते राम हैं।

क्यों दूध बंद हो जाने पर,
गऊ बुचड़ खाने बेचते हो,
जिसे माता अपनी कहते थे,
फिर उसी के मांस को सेकते हो।

अरे शर्म करो तुम मांस खाके,
खुद को धर्मी कहते हो,
तुम राक्षस हो अज्ञानी हो,
जो इंसा भेष में रहते हो।

अरे रावण तुम जलाते हो,
मां सीता को उठाने पर,
फिर क्यों तुम सब मौन रहे,
वहा निर्भया काण्ड हो जाने पर।

जो नगालैंड में नंगा करके,
बहनों को घुमाया था,
क्या उन कुत्तों को पकड़ के,
तुमने चौक में जिंदा जलाया था।

अरे छोड़ो तुम सब भूल गए,
ये भूमि हैं मां झांसी की,
जो अंग्रेजो की काल बनी,
कभी परवाह न की फांसी की।

जो सत्य वचन तुम्हें कहता है,
क्यों विपरीत तुम्हें विलोम लगा,
मैं परम धर्म सनातनी हूं,
मैंने पुत्र का नाम भी ॐ रखा।
 
कभी म्यांमार कभी श्री लंका,
अफगानिस्तान नेपाल बना,
फिर बांग्लादेश भूटान बना और,
अंत में पाकिस्तान बना।

अरे कितने टुकड़े किए गए,
अभी और भी होने बाकी हैं,
गर हिन्दू नींद से जागा ना,
देश की तय बर्बादी है।

क्या देश सिर्फ ये मेरा है,
यहां गद्दारों का डेरा है,
तुम गूंगे अंधे बने रहो,
तुम्हें अंधेरे ने घेरा है।

अरे हमने चारों वेद लिखे,
और हम ही देश की मूल है,
बोले रामायण काल्पनिक,
ये बस तुम्हारी भूल है।

यह भूमि ऋषि कश्यप की,
इच्वाकू वंश हमारा है,
हम राजा भरत की संताने,
वो रघुकुल अंश हमारा है।

अरे द्रौपदी का मान बनो,
मां सीता का अभिमान बनो,
तुम गर्म खून के प्याले हो,
और बहुत ही किस्मत वाले हो।

जो भारत में तुम जन्में हो,
जहां ब्रह्मा विष्णु मन में हो,
जहा पशु भी पूजे जाते हैं,
और पौधे का भी मोल है।

जहां नदियों को मां कहते है,
और मीठी वाणी बोल है,
यहां परशुराम का क्रोध भी है,
और गीता ज्ञान का बोध भी है।

51 शक्तिपीठ भी है,
मां वैष्णो नैना ज्वाला जी,
यहां खाटू श्याम भी बसते है,
बसते सालासर बालाजी।

यह भूमि वीर जटायु की,
नहीं बाबर और हुमायूं की,
यह भूमि वीर जटायु की,
नहीं बाबर और हुमायूं की।

जो बंटवारे के वक्त वहां,
रुके सोच देश ये मेरा है,
अरे जाके उनका हाल देखो,
आंतकवाद ने घेरा है।

वहां छोटी छोटी हिंदू,
लड़की घर से उठा ली जाती है,
वो माने या ना माने,
बेगम उनकी बना ली जाती हैं।

वहां होली पर पाबंदी है,
दिवाली मनाना जुर्म है,
जो इजराइल में किया गया,
अरे सबसे बड़ा कुकर्म है।

की नूंह में पत्थरबाजी तुमने,
हरियाणा में दंगा भी,
जो अबतक होता आया,
किया अंत में हिंदू नंगा जी।

कुछ दल्ले उठके कहते,
हम सब आपस में है भाई भाई,
कश्मीर फाइल्स तुम जाके देखो,
भूल जाओगे कहना भाई।

क्या गिरजा टीकू भूल गए,
जो बीच से काटी आरी से,
अरे बच्चा उसका देखा रहा था,
रेप किया उस नारी से।

कश्मीर तुम्हारे बाप का नहीं,
जो छुपके बैठे आड़ में,
गर बच्चा बच्चा मुते यहां का,
डूब जाओगे बाढ़ में।

अरे भारत देश में एक ही नारा,
राम राम का गूंजेगा,
हम चांद पे पहुंचे,
देख तरक्की मुंह तुम्हारा सुजेगा।

तुम सरस्वती की वीणा हो,
तुम कृष्णा बनकर हंसते थे,
तुम हनुमान का सीना हो,
जहा सिया राम जी बसते थे।

तुम शिवजी का त्रिशूल भी हो,
और डमरू नंदी नाग हो,
तुम लक्ष्मी जी के फूल भी हो,
और संतो का वैराग हो।

तुम अर्जुन कर्ण की शान हो,
और एकलव्य का दान हो,
तुम शबरी की प्रतीक्षा हो,
द्रोणाचार्य की शिक्षा हो।

तुम अभिमन्यु की वीरगति,
तुम पार्वती और मां सती,
तुम दुर्गा मां के बाण भी हो,
तुम बद्री और केदार भी हो।

तुम महाभारत की गाथा हो,
और गीता जी का सार भी हो,
तुम गोकुल हो वृंदावन हो,
तुम जल हो वायु पावन हो।

तुम अग्नि हो तुम सागर हो,
तुम अमृत प्रेम उजागर हो,
तुम जम्मू और कश्मीर भी हो,
तुम सतलुज व्यास का नीर भी हो।

तुम शेषनाग बलराम भी हो,
तुम रघुवंशी श्री राम भी हो,
तुम कंस को मारने वाले हो,
और कौरव हारने वाले हो।
 
तुम ही थे बैठे हिमालय में,
नालंदा विश्वविद्यालय में,
तुम ऋषिकेश गंगाजल हो,
और आने वाला तुम कल हो।

वो तुम ही थे जो बीत गए,
और तुम ही हो जो बीतोगे,
अरे एकजुट तुम होकर देखो,
हरबार फिर जीतोगे,
हरबार तुम जीतोगे।


Satya Sanatan - सत्य सनातन(Rap Song) - Ghor Sanatani


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इस रैप सांग में भारतीय समाज और इतिहास के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया गया है, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की महत्ता, देशभक्ति, और ऐतिहासिक घटनाओं को भी महत्त्व दिया गया है। यह रैप आत्म-चिंतन के लिए प्रेरित करता है और समाज में व्याप्त विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डालकर एक सच्ची राह दिखाता है। इसमें भारतीय संस्कृति की गहराई और उसके विभिन्न आयामों को दर्शाया गया है, साथ ही यह उन चुनौतियों को भी उजागर करता है जिनका सामना देश ने अतीत में किया है और वर्तमान में भी कर रहा है। यह रैप एक जागरूकता संदेश देता है और लोगों को उनकी जड़ों और मूल्यों के प्रति सचेत करता है।

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