म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो अजमाल रा लिरिक्स

म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो अजमाल रा लिरिक्स


भाग-1- बाबा रामदेव जी और श्री हरजी जी की प्रश्नोत्तरी भजन ओर व्याख्या | स्वर-श्री माँगेदास जी कामड़

म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो,
अजमाल रा,
म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो,
आप कहो के मैं सकल में व्यापक,
माने नहीं मन म्हारो।

सामा उबया अन्तर किण विद,
ओ काई मतो तुम्हारो,
सिमरे जिका री सहाय करो थे,
डूबतडा न त्यारो,
म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो।

केवो किण विध भूलां आपने,
होवे अनर्थ भारो,
सिवरे काज सार द‌यो पल में,
सुण दुर्बल रो पुकारो,
म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो।

हर शरने भाटी हरजी बोल्या,
थे म्हारा प्राण आधारो,
ऐसो ज्ञान मोहे ना भावे,
सेवक हूं चरणां रो,
म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो।

म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो,
अजमाल रा,
म्हारे तो ईष्ट तुम्हारो,
आप कहो के मैं सकल में व्यापक,
माने नहीं मन म्हारो।


भाग-1- बाबा रामदेव जी और श्री हरजी जी की प्रश्नोत्तरी भजन ओर व्याख्या | स्वर-श्री माँगेदास जी कामड़


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