पीवरिया के माहीं बनसा बणठण के म्हे रेवती
पीवरिया के माहीं बनसा,
बण ठण के म्हे रेवती,
काम सारा घर को,
म्हारी भाभी करती ओ,
म्हे तो राज करती।
लेकर हाथ खुदाळो,
नित तू खेतां माही जावती,
बजरी आळी टोलियां,
तू रोज भरती ये,
केंको राज करती।
पीवरिये में बनसा म्हारा,
बटवा भरिया रेवता,
हर sunday जा मोल में,
शॉपिंग करती ओ,
म्हे तो मौज करती।
एक ही कब्जा के माथे,
चार चार कारी देवती,
राली आळे डोरां सूं,
तुरपाई करती ए,
कैसी मौज करती।
पीवर में म्हे AC आळे,
कमरा माहीँ पोढ़ती,
सासरीये के दांई,
पाणी कोनी भरती ओ,
म्हे enjoy करती।
एटीएम में ले ग्यो तो,
जुखाम तन्ने बैठ ग्यो,
चिप चिप के तू कहती,
म्हाने लागे सर्दी ए,
मतना फेंक इतरी।
पीवर में सुख देख्या जितरा,
सासरिया में कोयनी,
शादी करके जिन्दगी,
म्हे खराब कर दी ओ,
मोटी भूल कर दी।
रेवण दे अब बनड़ी थारे,
पीवरिये री ओपमा,
उड़ती उड़ती गौरी तू,
आकाश चढ़गी ए,
पाछी आव धरती।
New Rajasthani Song 2024 | बन्नी मत फेंक इतरी | Bablu Ankiya | Rashmi Nishad | New Marwadi Song 2024
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➟ : Song: Banni Mat Fenk Itri
➟ : Singer: Bablu Ankiya & Rashmi Nishad
➟ : Lyrics: Jitendra Shiva
➟ : Music: Mahadev Studio
➟ : Music Label: MDR Media
➟ : Sub Category: New Rajasthani Song
➟ : Director:Kunwar Mukesh Singh
➟ : Editor: Ashok Parihar
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