घणी देर से आयो कोन्या लिरिक्स

घणी देर से आयो कोन्या लिरिक्स


घणी देर से आयो कोन्या लिरिक्स Ghani Der Se Aayo Bhajan Lyrics


घणी देर से आयो कोन्या,
मनड़ो हुयो अधीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

अरे तिर्थ तिर्थ घणो रे घुमायो,
कीयो धर्म में सीर,
मामा जी के राज के माई,
आ पहूंच्यो आखिर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

आधी रात अंधेरो रे बेटा,
कहा सरवर कहा नीर,
प्यास का मार्या होठ सुखग्या,
टुट्यो जाय शरीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

जा सरवर में घडो डुबोयो,
भरबा लागो नीर,
दशरथ विने जाण सिंहड़ो,
छोड्यो कर से तीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

तीर लग्या श्रवण को हंसो,
उड़ गयो छोड़ शरीर,
दशरथ लेकर चाल्यो कमंडल,
कांपे हाथ शरीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

अरे सिंह भरोसे श्रवण मार्यो,
फुट गई तकदीर,
हाय पुत्र के कर मालुणी,
छोड्या प्राण शरीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।

घणी देर से आयो कोन्या,
मनड़ो हुयो अधीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर,
अब तो आजा श्रवण वीर,
मात पिता जंगल में प्यासा,
कौन पिलावे नीर।


अब तो आजा श्रवण वीर मात पिता जंगल में प्यासा || sharvan Kumar ke bhajan || dev sharma aama


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Song ~ ab to aaja sarvan veer mat pita jangl me pyasa
Singer ~ Dev sharma Aama
Album ~ Rajsthani Bhajan
Category ~ shravan kumar bhajan

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