शायरी वही होती है जो थोड़े से अल्फाज में ही दिल की भावनाओं को छू जाती है। इस लेख में आप कुछ चुनिंदा शायरियों को पढ़ेंगे और मैं आपको उनके भाव को भी आपके सामने रखूंगी।
मैं दिन हूं मेरी ज़बीं पर दुखों का सूरज है
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं
میں دن ہوں میری زبیں پر دکھوں کا سورج ہے
دیے تو رات کی پلکوں پہ جھلملاتے ہیں
دیے تو رات کی پلکوں پہ جھلملاتے ہیں
- बशीर बद्र
- ज़बीं: माथा / forehead
- पलकों: पलकों / eyelids
- झिलमिलाते: चमकते / shine or twinkle
"बशीर साहेब लिख रहे हैं की मैं दिन हूँ और मेरे माथे पर दुखों का सूरज चमक रहा है, जबकि दिए तो रात की पलकों पर टिमटिमाते हैं। इस शेर में टूटे हुए दिल की भावनाओं को व्यक्त किया गया है और दुखों की इन्तहा है की दुखों का सूरज/बहुत अधिक दुःख मैं लिए हुए हूँ। छोटे मोटे दुःख तो तारों के जैसे होते हैं जो रात को चमकते हैं।
I am the day and on my forehead, the sun of sorrows shines, while the lamps twinkle on the eyelids of the night." In this sher, the feelings of a broken heart have been expressed and the extent of sorrow is that the sun of sorrows/I am carrying a lot of sorrow. Small sorrows are like stars that shine at night.
ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है
- जाँ निसार अख़्तर
उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए
जिसको रोते हुए देखा न किसी ने
- वकील अख़्तर
मेरे दुःख का कोई क्या अंदाजा लगाएगा जिसे किसी ने कभी रोते हुए नहीं देखा, मैं तो अपने दुःख का इजहार भी नहीं कर सकता हूँ । जो भी दुःख है मैंने अपने दिल में छुपा रखा है। How can anyone guess my sorrow when no one has ever seen me cry, I cannot even express my sorrow. Whatever sorrow I have, I have hidden it in my heart.
मुझे तो जिंदगी से डर लगता है मौत तो एक ही दिन मुझे मारेगी, ये जिंदगी मुझे रोज मार रही है। टूटे हुए दिल का इजहार है की मौत से बढ़कर जिंदगी दुश्वार है। I am afraid of life. Death will kill me one day, but this life is killing me every day. A broken heart expresses that life is more difficult than death.
- शकील बदायुनी
तेरे नाम (मोहब्बत) तेरे अंजाम पर रोने की चाह हुई है, ना जाने आज क्यों फिर तेरे नाम पर रोने की चाहत है। I feel like crying in your name (love) and in your end, I don't know why today I feel like crying in your name again
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
- साहिर लुधियानवी
सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया
- साहिर लुधियानवी
ये ज़माना ऐसा ही है दोस्त, कौन दूसरे के लिए रोता है, सबको अपनी ही किसी बात पर रोते हैं, यहाँ कौन किसी के दुःख का सांझी होता है। This is the world my friend, who cries for others, everyone cries for their own things, who shares someone's sorrow here.
- बशीर बद्र
हम कुछ देर हंस भी लेते हैं, परंतु हमारा दिल हमेशा उदास रहता है, दिल खुद से अलग है, थोड़ा बहुत लोगों को दिखाने के लिए खुश हो जाते हैं लेकिन टुटा हुआ दिल अंदर ही अंदर दुखी रहता है। We laugh for some time, but our heart is always sad, the heart is different from ourselves, we become happy just to show it to others but a broken heart remains sad inside.
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं
- साहिर लुधियानवी
अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं
- साहिर लुधियानवी
मेरे दोस्त अभी दिल/मोहब्बत के गीतों की याद ना दिलाओं, अभी जिंदगी का माहौल खुशमिजाज नहीं है। दिल टुटा हुआ है, मोहब्बत भरे गीत अब अच्छे नहीं लगते हैं। My friend, don't remind me of love songs right now, the atmosphere of life is not cheerful right now. My heart is broken, love songs don't sound good anymore
उस ने पूछा था क्या हाल है
और मैं सोचता रह गया
- अजमल सिराज
और मैं सोचता रह गया
- अजमल सिराज
उसने पूछा की तुम्हारा हाल क्या है ? मैं सोचता ही रह गया हूँ। उसे पता है की मेरा दिल टूट चूका है लेकिन वो मुझसे ही पूछ रहे हैं की मेरा क्या हाल है ?
She asked me how am I? I kept thinking.She knows that my heart is broken but she is asking me how am I?
She asked me how am I? I kept thinking.She knows that my heart is broken but she is asking me how am I?
हमारे घर की दीवारों पे 'नासिर'
उदासी बाल खोले सो रही है.
- नासिर काज़मी
उदासी बाल खोले सो रही है.
- नासिर काज़मी
नासिर (लेखक) मेरे घर की दीवारों पर तो उदासी बाल खोल कर सो रही है। उदासी ने मेरे घर को अपना मकान बना लिया है और वह बड़े ही बेफिक्री से सो रही है। Nasir (Author) Sadness is sleeping with open hair on the walls of my house. Sadness has made my house its home and it is sleeping very carefree.
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं
- फ़िराक़ गोरखपुरी
दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं
- फ़िराक़ गोरखपुरी
शाम भी थी धुआँ धुआँ, हुस्न/खूबसूरती भी था उदास उदास है, दिल को कई कहानियाँ याद सी आकर रह गईं हैं। दिल टुटा हुआ है हुश्न भी आज तो उदास है। The evening was smoky, the beauty was also sad, the heart is sad, it seems as if many stories have come to my mind. The heart is broken, the beauty is also sad today
दीवारों से मिल कर रोना अच्छा लगता है
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
- क़ैसर-उल जाफ़री
हम भी पागल हो जाएँगे ऐसा लगता है
- क़ैसर-उल जाफ़री
टूटे हुए दिल का मंजर है की अब तो खामोश दिलों से मिलकर रोना अच्छा लगता है, अब तो हम भी पागल ही हो जाएंगे ऐसा लगता है। This is the scene of a broken heart, now it feels good to cry with silent hearts, now it feels like we will also go mad
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
- ख़ुमार बाराबंकवी
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
- ख़ुमार बाराबंकवी
न दुःख है, न सुख, न आशा है, न निराशा, अब कुछ नहीं है। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति ने सभी भावनात्मक बंधनों से छुटकारा पा लिया है, सभी से निज़ाद पाए एक अरसा गुजर गया है। There is no sorrow, no happiness, no hope, no despair, nothing is there now. This is a state where the person has got rid of all emotional bondages, a long time has passed since he got freedom from all these.
ऐ मौत उन्हें भुलाए ज़माने गुज़र गए
आ जा कि ज़हर खाए ज़माने गुज़र गए
ओ जाने वाले आ कि तिरे इंतिज़ार में
रस्ते को घर बनाए ज़माने गुज़र गए
ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न यास
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए
क्या लाइक़-ए-सितम भी नहीं अब मैं दोस्तो
पत्थर भी घर में आए ज़माने गुज़र गए
जान-ए-बहार फूल नहीं आदमी हूँ मैं
आ जा कि मुस्कुराए ज़माने गुज़र गए
क्या क्या तवक़्क़ुआत थीं आहों से ऐ 'ख़ुमार'
ये तीर भी चलाए ज़माने गुज़र गए
उठते नहीं हैं अब तो दुआ के लिए भी हाथ
किस दर्जा ना-उमीद हैं परवरदिगार से
- अख़्तर शीरानी
किस दर्जा ना-उमीद हैं परवरदिगार से
- अख़्तर शीरानी
दर्द और मायूसी बहुत बढ़ गई है, अब तो हालत ऐसे हैं की दुआ के लिए (ईश्वर से प्रार्थना) के लिए भी हाथ नहीं उठते हैं। अब तो ईश्वर से भी नाउम्मीदी है। Pain and despair have increased a lot, now the situation is such that I can't even raise my hands for prayers (prayers to God). Now I have lost hope from God too
ये और बात कि चाहत के ज़ख़्म गहरे हैं
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
- महमूद शाम
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे 'शफ़क़'
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे
- फ़ारूक़ शफ़क़
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
- परवीन शाकिर
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
- कैफ़ी आज़मी
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ
- राजेन्द्र कृष्ण
तुझे भुलाने की कोशिश तो वर्ना की है बहुत
- महमूद शाम
दिन किसी तरह से कट जाएगा सड़कों पे 'शफ़क़'
शाम फिर आएगी हम शाम से घबराएँगे
- फ़ारूक़ शफ़क़
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया
- परवीन शाकिर
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
- कैफ़ी आज़मी
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ
ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ
- राजेन्द्र कृष्ण