पितर जी कोड़े सोया जी सुख भर नींद में
पित्तर जी कोड़े सोया जी,
सुख भर नींद में,
पित्तर जी कोड़े लगाई,
अतरी बार,
भजनां में बेगो आव जे।
पितर जी ढोल के ढमाके,
बेगो आव जे,
पितरजी ढोल के ढमाके,
बेगो आव जे,
पितरजी ल्याज्यो ल्याज्यो,
पित्तराण्या ने लार,
भजनां में बेगो आव जे।
ओ पितरजी कलशो,
भरवायो थारा नाम को,
ओ पित्तर जी कलशो,
भरवायो थारा नाम को,
जीमे भरवायो छ ठण्डो ठण्डो नीर,
भजनां में बेगो आव जे।
पित्तर जी गजरो पोया रे,
थारा नाम को,
पित्तर जी गजरो पोया रे,
थारा नाम को,
जीमे पोया पोया फूल गुलाब,
भजनां में बेगो आव जे।
पित्तर जी सारा घरकां,
की या छ विनती,
पित्तर जी सारा घरकां,
की या छ विनती,
पित्तर जी थासे करे जी अरदास,
भजनां में बेगो आव जे।
पितरजी कोड़े सोया जी,
सुख भर नींद में,
पितरजी कोड़े लगाई,
अतरी बार,
भजनां में बेगो आव जे।
पित्तर जी कोडे सोया जी शुख भर नीन्द में गायक = रमेश निरंजन // वीडियो को लाइक करना ना भूले।
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कमल कुन्ज सतसंग मण्डल द्वारा भक्तिमय प्रस्तुति - - - -
भजन = पित्तर जी कोडे सोया जी सुख भर नींद में ।।
गायक = रमेश निरंजन
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रमेश मो. 9829120430
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