हिवड़े सुख बरसे आनंद लिरिक्स Hivade Sukh Barse Bhajan Lyrics
होवे रे डीघी डीघी पाल समंद री,
तलवे जल जमुना रो नीर,
होवे रे पार चढ़े गुरु नो मैं जोवियो रे,
सतगुरु त्रमना री सीर।
होवे रे आए साध रो घर पावनो रे,
हिवड़े सुख बरसे आनंद हां।
होवे रे केसर गार गढ़ावनो रे,
मोतीड़ा रो चौक धुराऊं हां,
होवे रे चंदन रो चौक गुरु बैसनो,
दूध पगा गुरु रा पाऊं हां।
होवे रे आंगन रोपाऊं मैं एलची रे,
बध रही अमर बेल हां,
होवे रे फूलड़ा रो मुकुट बनावनो रे,
हिवड़े में कूपड़ मेल हां।
होवे रे तीन लोक हर नो मैं खोजियो,
हर मेल्या नेड़ा नजीक हां,
होवे रे भगत भुगत रे कारणे रे,
कह गया दास कबीर हां।
'Hivde Sukh Barse Anand' says Kabir
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With deep gratitude to Mahesha Ramji from Chhattangadh village in Jaisalmer, Rajasthan, from whom I first heard this song. Listen to his powerful rendition at 'Hivde Sukh Barse' by Mahesha Ram