ऐसे कैसे रूठे मोहन Aise Kaise Ruthe Mohan Bhajan Lyrics
ऐसे कैसे रूठे मोहन,
अपना यूं मुंह मोड़ लिया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
दीवानी थी श्याम नाम की,
नित्य ध्वजा लहराती थी,
जयकारा श्री श्याम नाम,
गलियों में लगाती थी,
सांसों में थे श्याम बसे,
क्यों बंधन तुमने तोड़ लिया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
श्याम बहादुर आलू सिंह थे,
इनकी बात निराली थी,
इनसे थोड़ी कम ही सही पर,
श्याम तेरी मतवाली थी,
सुना था हमने ताला तुमने,
मोर छड़ी से खोल दिया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
दीनदयाल दया के सागर,
जग में तुम कहलाते हो,
भक्तों के तुम भाग्य बदलने,
दौड़े दौड़े आते हो,
ठेस लगी थी मीरा को,
सिंहासन क्यों न डोल गया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
भोला भाला रितु तेरी,
माया को जान सका,
जन्म मरण की लीला को,
शायद मैं न पहचान सका,
क्या तुमने अब पाप पुण्य का,
तोलन करना छोड़ दिया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
ऐसे कैसे रूठे मोहन,
अपना यूं मुंह मोड़ लिया,
एक मीरा के प्राण बचाये,
दुजी को क्यों छोड़ दिया।
ऐसे कैसे रूठे मोहन || भजन प्रवाहिका - सोनाली नागेश्वर || लेखक - प्रियांश अग्रवाल || जय श्री श्याम ||
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Song : Aise Kaise Ruthe Mohan
Singer : Sonali Nageshwar
Music : Rajan Banshkar (8818812001)
Lyricist : Priyansh Agrawal (9713885250)
Video : Udaan Creation (8319926517)
Category: Shyam Bhajan
Label : Shree Shyam Mitra Mandal Balaghat
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