कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की भजन लिरिक्स

कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की भजन Kab Se Mala Jap Rahi Hu Lyrics

 
Kab Se Mala Jap Rahi Hu

दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।

प्यार करो तो ऐसे करना जैसे द्रोपदी ने किया,
साड़ी के पल्लू में देखी मूर्ति घनश्याम की,
दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।

प्यार करो तो ऐसे करना जैसे मीरा ने किया,
जहर के प्याले में देखी मूर्ति घनश्याम की,
दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।

प्यार करो तो ऐसे करना जैसे धन्ने ने किया,
पत्थर के अंदर में देखी मूर्ति घनश्याम की,
दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।

प्यार करो तो ऐसे करना जैसे हनुमत ने किया,
हृदय के अंदर बसाई मूर्ति सियाराम की,
दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।

प्यार करो तो ऐसे करना जैसे शबरी ने किया,
बेरों के अंदर में देखी प्रभु राम की,
दिल से दिल भर के न देखी मूर्ति भगवान की,
कब से माला जप रही हूं हे प्रभु तेरे नाम की।


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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