जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया लिरिक्स Jaise Jaise Dar Pe Tere Bhajan Lyrics
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया,
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया।
देर से समझा तुझे ये भूल मेरी है,
सांवरे माथे पे अब तो धूल तेरी है,
जैसे जैसे भजनों में मैं रमता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया,
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया।
मान लू कैसे तुझे परवाह नहीं मेरी,
तूने दिया इतना मुझे ये है दया तेरी,
जैसे जैसे हारे के संग के चलता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया,
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया।
हर मुसीबत में तुझे हाजिर सदा पाया,
हर ख़ुशी में हर्ष ने शामिल सदा पाया,
जैसे जैसे श्री चरणों में गिरता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया,
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया,
वैसे वैसे मैं तो ऊंचा उठता गया,
जैसे जैसे दर पे तेरे झुकता चला गया | Jaise Jaise Dar Pe Tere Jhukta Chala Gaya | Khatu Shyam Bhajan
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#Bhajan :- Jaise Jaise Dar Pe Tere Jhukta Chala Gaya
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