जो हुकुम सरकार का लिरिक्स Jo Hukm Sarkar Ka Bhajan Lyrics

जो हुकुम सरकार का लिरिक्स Jo Hukm Sarkar Ka Bhajan Lyrics


जो हुकुम सरकार का लिरिक्स Jo Hukm Sarkar Ka Bhajan Lyrics

सारी दुनिया जान गई मैं,
नौकर हूं दरबार का,
हमने भी अब सोच लिया है,
जो हुकुम सरकार का।

बन्दा जिसकी करे चाकरी,
जगत सेठ कहलाता है,
जब जी चाहे उसका मुझको,
अपने पास बुलाता है,
जो कुछ मेरे पास है सब कुछ,
दिया हुआ दातार का,
हमने भी अब सोच लिया है,
जो हुकुम सरकार का।

ऐसा मालिक मिले कहां जो,
दुखड़े दूर करे,
सेवा करूं या ज्यादा,
नहीं मुझे मजबूर करे,
हाथों हाथ मिले तनख्वाह यहां,
काम नहीं उधार का,
हमने भी अब सोच लिया है,
जो हुकुम सरकार का।

जो भी मांगू इस मालिक से,
नहीं मुझे इनकार करे,
जितना मां बेटे को करती,
उतना मुझको प्यार करे,
बनवारी खुश रहता हूं मैं,
पाकर खजाना प्यार का,
हमने भी अब सोच लिया है,
जो हुकुम सरकार का।

सारी दुनिया जान गई मैं,
नौकर हूं दरबार का,
हमने भी अब सोच लिया है,
जो हुकुम सरकार का।


जो हुकुम सरकार का | Jo Hukum Sarkar Ka | Baba Shyam Bhajan | Superhit Khatu Shyam Bhajan | Bhajan


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Bhajan :-Jo Hukum Sarkar Ka

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