दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर लिरिक्स Dadi Mhari Jhul Rahi Bhajan Lyrics

दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर लिरिक्स Dadi Mhari Jhul Rahi Bhajan Lyrics


दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर लिरिक्स Dadi Mhari Jhul Rahi Bhajan Lyrics

सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर,
सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर।

जग रखवाली ने म्हें आज झुलावां,
प्यारी-प्यारी दादी का लाड लडावां,
झोटा देवां थाने म्हें लगा के पूरा जोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर,
सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर।

झूले पर बैठी बैठी दादी मुस्कावे,
भक्त भी सारा बलिहारी जावे,
प्रेम भाव से देखें बस दादी जी की ओर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर,
सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर।

श्याम भी दादी जी ने भजन सुनावे,
सावन महीने में झूला झुलावे,
झूम झूम कर नाचे जैसे उपवन में मोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर,
सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर।

सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर,
सावन का महीना पवन करे शोर,
दादी मारी झूल रही भक्तां के हाथ में डोर।


सावन का महीना झूल रही दादी RaniSati Dadi 𝐉𝐡𝐮𝐥𝐚 𝐁𝐡𝐚𝐣𝐚𝐧 Dadi Ji 𝐉𝐡𝐮𝐥𝐚 𝐁𝐡𝐚𝐣𝐚𝐧 Dadi 𝙎𝙞𝙣𝙙𝙝𝙖𝙧𝙖 𝘽𝙝𝙖𝙟𝙖𝙣


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Title: Sawan Ka Mahina Pawan Kare Shor Dadi Mhari Jhul Rahi
Singer: Keshav Madhukar & Saurabh Madhukar (Kolkata)
Lyricist: Shyam Agarwal Ji
Music Label: Sur Sourav Industries

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