किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते हैं

किसी के काम जो आये उसे इंसान कहते हैं

किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं।

मंदिर में पूजा करो, 
तीर्थ करो हजार,
दिल में दया-धरम नहीं, 
तो मनवा सब कुछ बेकार।।

किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं,
पराया दर्द अपनाए,
उसे इंसान कहते हैं।।

यह दुनिया एक उलझन है,
कहीं धोखा, कहीं ठोकर,
कोई हँस-हँस कर जीता है,
कोई जीता है रो-रोकर,
जो मुश्किल में ना घबराए,
उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं।।

अगर गलती रुलाती है,
तो राहें भी दिखाती है,
मनुज गलती का पुतला है,
तो अक्सर हो ही जाती है,
जो कर ले ठीक गलती को,
उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं।।

यों भरने को तो दुनिया में,
पशु भी पेट भरते हैं,
लिए इंसान का दिल जो,
वो नर परमार्थ करते हैं,
पथिक जो बाँट कर खाए,
उसे इंसान कहते हैं,
किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं।।

किसी के काम जो आए,
उसे इंसान कहते हैं,
पराया दर्द अपनाए,
उसे इंसान कहते हैं।।


Kisi ke kaam jo aaye use hinsaan kahte hain by Shree Navratan giri ji Maharaj

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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