गोपाल चालीसा पुत्र प्राप्ति मन्त्र Gopal Chalisa Sampurn Putra Prapti Mantra
हम सभी के घर में लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना होती है। लड्डू गोपाल की सेवा का विशेष महत्त्व है, क्योंकि यह सेवा उसी प्रकार की जाती है जैसे किसी नन्हे बच्चे की देखभाल। कहा जाता है कि लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी दुःख दूर हो जाते हैं, उसके समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, और संतान से जुड़ी सभी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं।
इसके साथ ही लड्डू गोपाल का एक पाठ भी है, जिसे अत्यंत चमत्कारी माना गया है। हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ, डॉ. राधाकांत वत्स का कहना है कि लड्डू गोपाल का यह पाठ उनकी पूजा-सेवा से भी अधिक प्रभावकारी होता है। इस पाठ से ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो सके, और इसके प्रभाव से हर दोष दूर हो जाता है।
इसके साथ ही लड्डू गोपाल का एक पाठ भी है, जिसे अत्यंत चमत्कारी माना गया है। हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ, डॉ. राधाकांत वत्स का कहना है कि लड्डू गोपाल का यह पाठ उनकी पूजा-सेवा से भी अधिक प्रभावकारी होता है। इस पाठ से ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान न हो सके, और इसके प्रभाव से हर दोष दूर हो जाता है।
शास्त्रों में संतान प्राप्ति की इच्छापूर्ति के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें मंत्र जाप, उपासना, साधना और अनुष्ठान शामिल हैं। इन्हीं उपायों में से एक विशेष और चमत्कारी उपाय है संतान गोपाल मंत्र, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस मंत्र की महिमा कई धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि यदि इस मंत्र का विधिपूर्वक और श्रद्धा से जाप किया जाए, तो व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और उत्तम संतान की प्राप्ति होती है।
संतान गोपाल मंत्र के जाप से संतान के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्माष्टमी का दिन इस मंत्र जाप के लिए अत्यंत विशेष है। इस दिन इस मंत्र का पूरी श्रद्धा और विधि से जाप करने पर संतान का आशीर्वाद मिलता है।
संतान गोपाल मंत्र के जाप से संतान के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्माष्टमी का दिन इस मंत्र जाप के लिए अत्यंत विशेष है। इस दिन इस मंत्र का पूरी श्रद्धा और विधि से जाप करने पर संतान का आशीर्वाद मिलता है।
श्री राधापद कमल रज,
सिर धरि यमुना कूल,
वरणो चालीसा सरस,
सकल सुमंगल मूल।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी,
दुष्ट दलन लीला अवतारी,
जो कोई तुम्हरी लीला गावै,
बिन श्रम सकल पदारथ पावै।
श्री वसुदेव देवकी माता,
प्रकट भये संग हलधर भ्राता,
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये,
नन्द भवन मे बजत बधाये।
जो विष देन पूतना आई,
सो मुक्ति दै धाम पठाई,
तृणावर्त राक्षस संहारयौ,
पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।
खेल खेल में माटी खाई,
मुख मे सब जग दियो दिखाई,
गोपिन घर घर माखन खायो,
जसुमति बाल केलि सुख पायो।
ऊखल सों निज अंग बँधाई,
यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई,
बका असुर की चोंच विदारी,
विकट अघासुर दियो सँहारी।
ब्रह्मा बालक वत्स चुराये,
मोहन को मोहन हित आये,
बाल वत्स सब बने मुरारी,
ब्रह्मा विनय करी तब भारी।
काली नाग नाथि भगवाना,
दावानल को कीन्हों पाना,
सखन संग खेलत सुख पायो,
श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।
चीर हरन करि सीख सिखाई,
नख पर गिरवर लियो उठाई,
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों,
राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।
नन्दहिं वरुण लोक सों लाये,
ग्वालन को निज लोक दिखाये,
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई,
अति सुख दीन्हों रास रचाई।
अजगर सो पितु चरण छुड़ायो,
शंखचूड़ को मुकुट गिरायो,
हने अरिष्टासुर अरु केशी,
व्योमासुर मार्यो छल वेषी।
व्याकुल ब्रज तजी मथुरा आये,
मारी कंस यदुवंश बसाये,
मात पिता की बंदी छुड़ाई,
संदीपन गृह विद्या पाई।
पुनि पथायो ब्रज उद्धव ज्ञानी,
प्रेम देखि सुधि सकल भुलानी,
किंहीं कुब्जा सुंदर नारी,
हरी लायो रुक्मिणी सुकुमारी।
भौमासुर हनी भक्त छुड़ाये,
सुरन जीती सुरतरु महि लाये,
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे,
खग मृग नृग अरु बधिक उघारे।
दिन सुदामा धनपति किन्हों,
परथ रथ सारथि यशा लीनहो,
गीता ज्ञान सिखावन हरे,
अर्जुन मोह मिटावन हरे।
केला भक्त विदुर घर पायो,
युद्ध महाभारत रचावायो,
द्रुपद सुत को चीर बढ़ायो,
गर्भ परीक्षित जारत बचायो।
कच्छ मच्छ वराह अहिंसा,
बावना कल्कि बुद्धि मुनिशा,
है नरसिंह प्रह्लाद उबार्यो,
राम रूप धरी रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया,
अम्बरीष प्रिय चक्र धरैया,
व्याध अजामिल दीनें तारी,
शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फंद निकंदन,
देहु दरश ध्रुव नयन आनंदन,
देहु शुद्ध संतान कर संगा,
बधाई प्रेम भक्ति रस रंगा।
देहु दिव्य वृंदावन बासा,
छूटे मृग तृष्णा जग आशा,
तुम्हारो ध्यान धरत शिव नारद,
शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।
जय जय राधारमण कृपाला,
हरन सकल संकट भ्रम जाला,
बिनसैं बिघन रोग दुख भारी,
जो सुमरै जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़े चालीसा,
देहि सकल बांच्छित फल शीशा,
गोपाल चालीसा पढ़े नित,
नेम सों चित्त लगाय,
सो दिव्य तन धरी अंत महा,
गोलोक धाम सिधाय।
संसार सुख संपत्ति सकल,
जो भक्तजन सन्मान चाहें,
जय राम देव सदा वो,
गुरुदेव दया सों लहाय।
प्रणतपाल आशरण शरण,
करुणा सिंधु ब्रजेश,
चालीसा के संग मोहि,
अपनावहु प्राणेश।
सिर धरि यमुना कूल,
वरणो चालीसा सरस,
सकल सुमंगल मूल।
जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी,
दुष्ट दलन लीला अवतारी,
जो कोई तुम्हरी लीला गावै,
बिन श्रम सकल पदारथ पावै।
श्री वसुदेव देवकी माता,
प्रकट भये संग हलधर भ्राता,
मथुरा सों प्रभु गोकुल आये,
नन्द भवन मे बजत बधाये।
जो विष देन पूतना आई,
सो मुक्ति दै धाम पठाई,
तृणावर्त राक्षस संहारयौ,
पग बढ़ाय सकटासुर मार्यौ।
खेल खेल में माटी खाई,
मुख मे सब जग दियो दिखाई,
गोपिन घर घर माखन खायो,
जसुमति बाल केलि सुख पायो।
ऊखल सों निज अंग बँधाई,
यमलार्जुन जड़ योनि छुड़ाई,
बका असुर की चोंच विदारी,
विकट अघासुर दियो सँहारी।
ब्रह्मा बालक वत्स चुराये,
मोहन को मोहन हित आये,
बाल वत्स सब बने मुरारी,
ब्रह्मा विनय करी तब भारी।
काली नाग नाथि भगवाना,
दावानल को कीन्हों पाना,
सखन संग खेलत सुख पायो,
श्रीदामा निज कन्ध चढ़ायो।
चीर हरन करि सीख सिखाई,
नख पर गिरवर लियो उठाई,
दरश यज्ञ पत्निन को दीन्हों,
राधा प्रेम सुधा सुख लीन्हों।
नन्दहिं वरुण लोक सों लाये,
ग्वालन को निज लोक दिखाये,
शरद चन्द्र लखि वेणु बजाई,
अति सुख दीन्हों रास रचाई।
अजगर सो पितु चरण छुड़ायो,
शंखचूड़ को मुकुट गिरायो,
हने अरिष्टासुर अरु केशी,
व्योमासुर मार्यो छल वेषी।
व्याकुल ब्रज तजी मथुरा आये,
मारी कंस यदुवंश बसाये,
मात पिता की बंदी छुड़ाई,
संदीपन गृह विद्या पाई।
पुनि पथायो ब्रज उद्धव ज्ञानी,
प्रेम देखि सुधि सकल भुलानी,
किंहीं कुब्जा सुंदर नारी,
हरी लायो रुक्मिणी सुकुमारी।
भौमासुर हनी भक्त छुड़ाये,
सुरन जीती सुरतरु महि लाये,
दन्तवक्र शिशुपाल संहारे,
खग मृग नृग अरु बधिक उघारे।
दिन सुदामा धनपति किन्हों,
परथ रथ सारथि यशा लीनहो,
गीता ज्ञान सिखावन हरे,
अर्जुन मोह मिटावन हरे।
केला भक्त विदुर घर पायो,
युद्ध महाभारत रचावायो,
द्रुपद सुत को चीर बढ़ायो,
गर्भ परीक्षित जारत बचायो।
कच्छ मच्छ वराह अहिंसा,
बावना कल्कि बुद्धि मुनिशा,
है नरसिंह प्रह्लाद उबार्यो,
राम रूप धरी रावण मार्यो।
जय मधु कैटभ दैत्य हनैया,
अम्बरीष प्रिय चक्र धरैया,
व्याध अजामिल दीनें तारी,
शबरी अरु गणिका सी नारी।
गरुड़ासन गज फंद निकंदन,
देहु दरश ध्रुव नयन आनंदन,
देहु शुद्ध संतान कर संगा,
बधाई प्रेम भक्ति रस रंगा।
देहु दिव्य वृंदावन बासा,
छूटे मृग तृष्णा जग आशा,
तुम्हारो ध्यान धरत शिव नारद,
शुक सनकादिक ब्रह्म विशारद।
जय जय राधारमण कृपाला,
हरन सकल संकट भ्रम जाला,
बिनसैं बिघन रोग दुख भारी,
जो सुमरै जगपति गिरधारी।
जो सत बार पढ़े चालीसा,
देहि सकल बांच्छित फल शीशा,
गोपाल चालीसा पढ़े नित,
नेम सों चित्त लगाय,
सो दिव्य तन धरी अंत महा,
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संसार सुख संपत्ति सकल,
जो भक्तजन सन्मान चाहें,
जय राम देव सदा वो,
गुरुदेव दया सों लहाय।
प्रणतपाल आशरण शरण,
करुणा सिंधु ब्रजेश,
चालीसा के संग मोहि,
अपनावहु प्राणेश।
गोपाल चालीसा Gopal Chalisa with Lyrics | Putra Prapti Mantra | Lakhbir Singh Lakha | Garbh Sanskar
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Shri Radhapad Kamal Raj,
Sir Dhari Yamuna Kool,
Varno Chaleesa Saras,
Sakal Sumangal Mool.
Jay Jay Puran Brahm Bihari,
Dusht Dalan Leela Avtaari,
Jo Koi Tumhari Leela Gaave,
Bin Shram Sakal Padarath Paave.
Shri Vasudev Devki Mata,
Prakat Bhaye Sang Haldhar Bhraata,
Mathura So Prabhu Gokul Aaye,
Nand Bhavan Me Bajat Badhaye.
Jo Vish Den Putna Aayi,
So Mukti Dai Dham Pathayi,
Trinavart Rakshas Sanhaaryo,
Pag Badhaye Sakatasur Maaryo.
Khel Khel Mein Maati Khayi,
Mukh Mein Sab Jag Diya Dikhayi,
Gopin Ghar Ghar Makhan Khayo,
Yashomati Bal Keli Sukh Paayo.
Ukhal So Nij Ang Bandhayi,
Yamlarjun Jad Yoni Chhudayi,
Baka Asur Ki Chonch Vidari,
Vikat Aghasur Diya Sanhaari.
Brahma Baalak Vats Churaye,
Mohan Ko Mohan Hit Aaye,
Baal Vats Sab Bane Murari,
Brahma Vinay Kari Tab Bhari.
Kaaliya Naag Naath Bhagwana,
Daavaanal Ko Kinha Paana,
Sakhan Sang Khelat Sukh Paayo,
Shreedama Nij Kandh Chadhayo.
Cheer Haran Kar Seekh Sikhayi,
Nakh Par Girvar Liya Uthayi,
Darsh Yagya Patnin Ko Diya,
Radha Prem Sudha Sukh Liya.
Nandhin Varun Lok So Laye,
Gwaalon Ko Nij Lok Dikhaye,
Sharad Chandra Lakhi Venu Bajayi,
Ati Sukh Diya Raas Rachayi.
Ajgar So Pitu Charan Chhudayo,
Shankhchood Ko Mukut Girayo,
Hane Arishtasur Aru Keshi,
Vyomasur Maaryo Chal Veeshi.
Vyakul Braj Taji Mathura Aaye,
Maari Kans Yaduvans Basaye,
Maat Pita Ki Bandi Chhudayi,
Sandipan Grih Vidya Payi.
Puni Pathayo Braj Uddhav Gyani,
Prem Dekhi Sudhi Sakal Bhulani,
Kinhin Kubja Sundar Naari,
Hari Laayo Rukmini Sukumari.
Bhaumaasur Hani Bhakt Chhudaye,
Suran Jeeti Sur Taru Mahi Laye,
Dantavakra Shishupal Sanhare,
Khag Mrig Nrig Aru Badhik Ughare.
Din Sudama Dhanapati Kinhon,
Parath Rath Saarthi Yasha Leenhon,
Geeta Gyaan Sikhavan Hare,
Arjun Moh Mitavan Hare.
Kela Bhakt Vidur Ghar Paayo,
Yudh Mahabharat Rachavayo,
Drupad Sut Ko Cheer Badhayo,
Garbha Parikshit Jarat Bachayo.
Kachchh Machchh Vraah Ahinsa,
Baavna Kalki Buddhi Munisha,
Hai Narasinh Prahlaad Ubaryo,
Ram Roop Dhari Raavan Maaryo.
Jay Madhu Kaitabh Daitya Hanaiya,
Ambarish Priya Chakra Dharaiya,
Vyaadh Ajaamil Deenen Taari,
Shabari Aru Ganika Si Naari.
Garudasana Gaj Phand Nikandan,
Dehu Darsh Dhruv Nayan Anandhan,
Dehu Shuddh Santan Kar Sanga,
Badhayi Prem Bhakti Ras Ranga.
Dehu Divya Vrindaavan Baasa,
Chhoote Mrig Trishna Jag Aasha,
Tumhaaro Dhyaan Dharat Shiv Naarad,
Shuk Sanakadik Brahm Visharad.
Jay Jay Radha Raman Kripaala,
Haran Sakal Sankat Bhram Jaala,
Binsai Vighan Rog Dukh Bhaari,
Jo Sumirai Jagpati Girdhaari.
Jo Sat Baar Padhe Chaleesa,
Dehi Sakal Baanchhit Phal Sheesha,
Gopal Chaleesa Padhe Nit,
Naim So Chitt Lagaaye,
So Divya Tan Dhari Ant Maha,
Golok Dhaam Sidhaaye.
Sansar Sukh Sampatti Sakal,
Jo Bhaktjan Sanmaan Chahein,
Jay Ram Dev Sada Wo,
Gurudev Daya So Lahaaye.
Pranatpaal Aasharan Sharan,
Karuna Sindhu Brajesh,
Chaleesa Ke Sang Mohi,
Apnaavahu Praanesh.
Sir Dhari Yamuna Kool,
Varno Chaleesa Saras,
Sakal Sumangal Mool.
Jay Jay Puran Brahm Bihari,
Dusht Dalan Leela Avtaari,
Jo Koi Tumhari Leela Gaave,
Bin Shram Sakal Padarath Paave.
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Prakat Bhaye Sang Haldhar Bhraata,
Mathura So Prabhu Gokul Aaye,
Nand Bhavan Me Bajat Badhaye.
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So Mukti Dai Dham Pathayi,
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Pag Badhaye Sakatasur Maaryo.
Khel Khel Mein Maati Khayi,
Mukh Mein Sab Jag Diya Dikhayi,
Gopin Ghar Ghar Makhan Khayo,
Yashomati Bal Keli Sukh Paayo.
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Brahma Vinay Kari Tab Bhari.
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Shreedama Nij Kandh Chadhayo.
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Nakh Par Girvar Liya Uthayi,
Darsh Yagya Patnin Ko Diya,
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Ajgar So Pitu Charan Chhudayo,
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Hane Arishtasur Aru Keshi,
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Vyakul Braj Taji Mathura Aaye,
Maari Kans Yaduvans Basaye,
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Sandipan Grih Vidya Payi.
Puni Pathayo Braj Uddhav Gyani,
Prem Dekhi Sudhi Sakal Bhulani,
Kinhin Kubja Sundar Naari,
Hari Laayo Rukmini Sukumari.
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Suran Jeeti Sur Taru Mahi Laye,
Dantavakra Shishupal Sanhare,
Khag Mrig Nrig Aru Badhik Ughare.
Din Sudama Dhanapati Kinhon,
Parath Rath Saarthi Yasha Leenhon,
Geeta Gyaan Sikhavan Hare,
Arjun Moh Mitavan Hare.
Kela Bhakt Vidur Ghar Paayo,
Yudh Mahabharat Rachavayo,
Drupad Sut Ko Cheer Badhayo,
Garbha Parikshit Jarat Bachayo.
Kachchh Machchh Vraah Ahinsa,
Baavna Kalki Buddhi Munisha,
Hai Narasinh Prahlaad Ubaryo,
Ram Roop Dhari Raavan Maaryo.
Jay Madhu Kaitabh Daitya Hanaiya,
Ambarish Priya Chakra Dharaiya,
Vyaadh Ajaamil Deenen Taari,
Shabari Aru Ganika Si Naari.
Garudasana Gaj Phand Nikandan,
Dehu Darsh Dhruv Nayan Anandhan,
Dehu Shuddh Santan Kar Sanga,
Badhayi Prem Bhakti Ras Ranga.
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Chhoote Mrig Trishna Jag Aasha,
Tumhaaro Dhyaan Dharat Shiv Naarad,
Shuk Sanakadik Brahm Visharad.
Jay Jay Radha Raman Kripaala,
Haran Sakal Sankat Bhram Jaala,
Binsai Vighan Rog Dukh Bhaari,
Jo Sumirai Jagpati Girdhaari.
Jo Sat Baar Padhe Chaleesa,
Dehi Sakal Baanchhit Phal Sheesha,
Gopal Chaleesa Padhe Nit,
Naim So Chitt Lagaaye,
So Divya Tan Dhari Ant Maha,
Golok Dhaam Sidhaaye.
Sansar Sukh Sampatti Sakal,
Jo Bhaktjan Sanmaan Chahein,
Jay Ram Dev Sada Wo,
Gurudev Daya So Lahaaye.
Pranatpaal Aasharan Sharan,
Karuna Sindhu Brajesh,
Chaleesa Ke Sang Mohi,
Apnaavahu Praanesh.
Title: Gopal Chalisa
Singer: Lakhbir Singh Lakha
Music Director: Mahesh Prabhakar, Ashwani Panwar
Concept: Ashwani Panwar
Edit & Gfx : Mind Pro
Label: Music Nova
Singer: Lakhbir Singh Lakha
Music Director: Mahesh Prabhakar, Ashwani Panwar
Concept: Ashwani Panwar
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