महाकुंभ 2025 कल्पवास के नियम महत्व लाभ
महाकुंभ 2025: कल्पवास के नियम, महत्व और लाभ
कल्पवास का अर्थ और महत्वकल्पवास आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है। यह विशेष रूप से कुंभ मेले के दौरान किया जाता है। संगम के तट पर एक माह तक वेद अध्ययन, ध्यान और पूजन करना ही कल्पवास है। इस दौरान सफेद या पीले वस्त्र धारण किये जाते हैं। कल्पवास के नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
महाकुंभ 2025 में कल्पवास कब से शुरू है
महाकुंभ 2025 में कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी 2025, सोमवार को पौष पूर्णिमा के दिन से हुई है। कल्पवास की अवधि एक माह की होती है, जो माघ मास के 12वें दिन तक चलती है। इस दौरान संगम तट पर रहते हुए वेदाध्ययन, ध्यान, पूजा और तपस्या में लीन रहा जाता है। कल्पवास के नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और आत्मिक शुद्धि होती है।
महाकुंभ 2025 में कल्पवास की शुरुआत 13 जनवरी 2025, सोमवार को पौष पूर्णिमा के दिन से हुई है। कल्पवास की अवधि एक माह की होती है, जो माघ मास के 12वें दिन तक चलती है। इस दौरान संगम तट पर रहते हुए वेदाध्ययन, ध्यान, पूजा और तपस्या में लीन रहा जाता है। कल्पवास के नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और आत्मिक शुद्धि होती है।
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कल्पवास के नियम
पद्म पुराण में कल्पवास के 21 नियम वर्णित हैं:
1. सत्य बोलना,
2. अहिंसा का पालन,
3. इंद्रियों पर संयम रखना,
4. सभी प्राणियों पर दया भाव रखना,
5. ब्रह्मचर्य का पालन करना,
6. बुरी आदतों से दूर रहना,
7. ब्रह्म मुहूर्त में उठना,
8. दिन में तीन बार पवित्र नदी में स्नान करना,
9. त्रिकाल संध्या का ध्यान करना,
10. पिंडदान करना,
11. दान-पुण्य करना,
12. अंतर्मुखी जप करना,
13. सत्संग में भाग लेना,
14. संकल्पित क्षेत्र से बाहर न जाना,
15. निंदा न करना,
16. साधु-संतों की सेवा करना,
17. जप और कीर्तन करना,
18. एक समय भोजन करना,
19. जमीन पर सोना,
20. अग्नि सेवन न करना,
21. देव पूजन करना।
इन नियमों का पालन करने से कल्पवास का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
कल्पवास के लाभ
श्रद्धा और निष्ठा से नियमों का पालन करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कुंभ मेले के दौरान किया गया कल्पवास 100 वर्षों की तपस्या के समान फलदायक होता है। इसे करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य मिलता है।
कल्पवास के लाभ
श्रद्धा और निष्ठा से नियमों का पालन करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कुंभ मेले के दौरान किया गया कल्पवास 100 वर्षों की तपस्या के समान फलदायक होता है। इसे करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य मिलता है।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |
