गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ भजन लिरिक्स

गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ भजन लिरिक्स

गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ भजन

चले आओ,
चले आओ,
चले आओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ,
मेरे मुरलीधर माधव,
नंदलाल चले आओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।

आंखों में बसे हो तुम,
धड़कन में धड़कते हो,
कुछ ऐसा करो मोहन,
सांसों में समा जाओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।

तेरे दर्शन को मोहन,
मेरे नैन तरसते हैं,
है अर्ज मेरी मोहन,
अब और ना तरसाओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।

एक शर्त ज़माने से,
प्रभु हमने लगा ली है,
या हमको बुला लो तुम,
या खुद ही चले आओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।

एक चाह यही दिल में,
दर्शन तेरा पा जायें,
पल भर के लिए ही सही,
एक झलक दिखा जाओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।

वृन्दावन में बंसी,
जो तुमने बजाई थी,
वही तान मधुर मोहन,
हमको भी सुना जाओ,
गोविंद चले आओ,
गोपाल चले आओ।
 
Watch on Youtube : https://youtu.be/EYfOCbSehxk


गोविन्द चले आओ गोपाल चले आओ | Govind Chale Aao Gopal Chale Aao | Krishna Song | Krishna Bhajan

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हृदय से निकलती यह पुकार गोविंद और गोपाल के प्रति हमारी अनन्य भक्ति और प्रेम को व्यक्त करती है। मुरलीधर माधव को अपने जीवन का केंद्र मानते हुए, यह भावना प्रकट होती है कि उनका सान्निध्य हमारे जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उनकी मुरली की मधुर तान और उनके दर्शन की प्यास, हमारी आत्मा को जोश और शांति से भर देती है। संसार के हर सुख-दुःख में हमें उनके साथ की तलाश रहती है। उनकी कृपा की एक झलक मात्र से हमारा जीवन धन्य हो जाता है। प्रभु से यही प्रार्थना है कि वे हमें अपने समीप बुला लें या स्वयं हमारे हृदय में बस जाएं। इस भक्ति में हमारी आत्मा को अद्वितीय आनंद और शांति का अनुभव होता है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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