(मुखड़ा) ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार, भक्तों के भर देती है भंडार, महिमा निराली है, तेरी शारद मैया, सबसे निराली है, मेरी शारद मैया।।
(अंतरा) हंस की सवारी, मेरी माता जी लगती है प्यारी, भक्तों पे अपने मैया, होती खास निगाहें तुम्हारी, शान तेरी ओ मात मेरी, जग में निराली है, मेरी शारद मैया, सबसे निराली है, मेरी शारद मैया।।
तेरी दया माँ हो तो, गूंगा भी माँ सुर में बोले, छेड़े वो तान निराली, हो के मस्त मगन जग में डोले, फिर वो कहे सबसे यही, महिमा तुम्हारी है, मेरी शारद मैया, सबसे निराली है, मेरी शारद मैया।।
जो दर पे तेरे आए, माँ, मन की मुरादें वो पाए, महिमा है माँ तेरे दर की, कोई दर से नहीं खाली जाए, कर दे दया माँ शिव पर भी, शरण तुम्हारी है, मेरी शारद मैया, सबसे निराली है, मेरी शारद मैया।।
(पुनरावृत्ति) ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार, भक्तों के भर देती है भंडार, महिमा निराली है, तेरी शारद मैया, सबसे निराली है, मेरी शारद मैया।।
महिमा निराली है तेरी शारदे मैया new Saraswati puja song singer Shrawan samrat