जल जाए जिह्वा पापिनी राम के बिना

जल जाए जिह्वा पापिनी राम के बिना

(मुखड़ा)
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।
राम के बिना भाई, श्याम के बिना,
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।

(अंतरा)
क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञान बिना, घर संतान बिना,
देह प्राण बिना, हाथ दान बिना, भोजन मान बिना।
हम सब का बेकार है जीना, राजा राम बिना।
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।

(अंतरा)
पंछी पंख बिना, बिच्छू डंक बिना, आरती शंख बिना,
गणित अंक बिना, कमल पंक बिना, निशा मयंक बिना।
व्यर्थ भ्रमण, चिंतन, भाषण सब, हरि के नाम बिना।
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।

(अंतरा)
प्रिया कंत बिना, हस्ती दंत बिना, आदि अंत बिना,
वेद मंत्र बिना, मठ महंत बिना, कुटिया संत बिना।
भजन बिना नर ऐसे जैसे, अश्व लगाम बिना।
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।

(अंतरा)
पुष्प बाग बिना, संत त्याग बिना, गाना राग बिना,
शीश नमन बिना, नयन दरस बिना, नारी सुहाग बिना।
संत कहें यह जग है सूना, आत्म ज्ञान बिना।
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।

(पुनरावृति)
जल जाए जिह्वा पापिनी, राम के बिना।।


Jal Jaye Jivha Papini Ram Ke Bina-Heartfelt Bhajan: The Power Without Ram | Rupesh Chaudhary

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Singer-Ruesh Choudhary
Tabla-Aman Kumar
Keybord-Gulshan kumar
pad-Rahul Kumar
video - Mukesh पंडित
 
जीवन का हर रंग, हर आधार, हर सार्थकता राम के नाम में समाहित है। उनके बिना जीवन अधूरा है, जैसे शरीर बिना प्राण के या पंछी बिना पंख के। क्षत्रिय की शक्ति उसकी आन में, विप्र का बल ज्ञान में, और घर की रौनक संतान में है, ठीक वैसे ही मनुष्य का अस्तित्व राम के बिना व्यर्थ है। यह नाम वह शक्ति है, जो जीवन को अर्थ देता है, जो हर कार्य को पूर्णता तक ले जाता है।

जैसे कमल की सुंदरता कीचड़ में खिलने से है, वैसे ही जीवन की सार्थकता प्रभु के नाम के बिना अधूरी है। चाहे गणित का अंक हो या पूजा का शंख, हर चीज अपनी जगह पर तभी सार्थक है, जब वह अपने मूल से जुड़ी हो। राम का नाम वह मूल है, जो चिंतन, भ्रमण और भाषण को सार्थक बनाता है। बिना इसके सारी साधना व्यर्थ है, जैसे घोड़ा बिना लगाम के।

प्रेम बिना प्रियतम का, वेद बिना मंत्र का, या संत बिना कुटिया का कोई मोल नहीं। भजन के बिना मनुष्य दिशाहीन है, और आत्म-ज्ञान के बिना यह जग सूना है। जैसे पुष्प बिना बाग के अधूरा, या गीत बिना राग के, वैसे ही जीवन बिना राम के नाम के केवल एक खाली चित्र है। यह नाम वह दीपक है, जो अंधेरे में मार्ग दिखाता है, जो हर श्वास को प्रभु की भक्ति से जोड़ता है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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