थारो रूप रो करू बखान रे सुंदर गौरी रे

थारो रूप रो करू बखान रे सुंदर गौरी रे

सुंदर गौरी रे नादान गौरी,
म्हारी प्यारी गौरी,
प्यारी गौरी,
थारो रूप रो रे करू बखान रे,
थारो रूप रो करू बखान रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

थारो रूप रो में करू रे बखान रे,
थारो रूप रो में करू रे बखान रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

अखिया में सुरमो सोवे,
सर प सानु लाल रे,
अखिया में सुरमो सोवे,
सर प सानु लाल रे।

नथ प नथड़ी चोखी लागे,
नथ प नथड़ी चोखी लागे,
मुखड़े रो श्रृंगार रे,
मुखड़े रो श्रृंगार रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

काना में झुमको सोवे,
काना में झुमको सोवे,
मुखड़ी घूंघट कार्ड नो रे,
मुखड़ी घूंघट कार्ड नो रे।

गौरी थारी लाज रे,
गौरी थारी लाज रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

हाथा में मेहंदी सोवे,
चूड़ी रो श्रृंगार सा,
हाथा में मेहंदी सोवे,
चूड़ी रो श्रृंगार सा।

पगा में पायल बाजनी रे,
पगा में पायल बाजनी रे,
जो जर रे जड़ कारी रे,
जो जर रे जड़ कारी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

थारो रूप रो में करू री बखान रे,
थारो रूप रो में करू री बखान रे।

सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे,
सुंदर गौरी रे नादान गौरी रे।

राजस्थान की संस्कृति में यहां की गोरी को अपने रूप, सादगी और चंचलता के लिए जानते है। उसकी चाल हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। रंग-बिरंगी लुगड़ी पहने वो ऐसे लगती है जैसे कोई फूल खिला हो। उसके माथे की बिंदिया और हाथों के कंगन उसकी सुंदरता को और निखारते हैं। जब वह चलती है तो उसकी पायल की मधुर झंकार और घुंघरुओं की आवाज जैसे मन को मोह लेती है। उसकी सुंदरता और सरलता देख कर हर कोई उसकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाता है। उनकी सादगी में नादानी और सुंदरता का अनूठा संगम है, मानो प्रेम और पवित्रता का साकार स्वरूप हों। आँखों में काजल, माथे पर लाल बिंदिया, नथनी से सजा चेहरा और कानों में झुमके—हर श्रृंगार उनकी दिव्यता को और निखारता है। घूँघट की लाज में छिपा उनका मुखड़ा अपनी ओर खींचता है, जैसे शर्म और करुणा का मेल हो। 

हाथों में मेहंदी, चूड़ियों की खनक और पायल की मधुर ध्वनि उनके हर कदम को पवित्र बनाती है। यह श्रृंगार केवल बाहरी नहीं, बल्कि प्रेम  का प्रतीक है।


सुन्दर गोरी रे।। SUNDAR GORI RE।। folk songs।। मारवाड़ी गीत।। #नादान_गोरी_रे ।। #सुंदर_गोरी_रे #थारे

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SUNDAR GORI RE..NADAN GORI RE.. (RAJASTHANI FOLK SONG)
SINGER-SAZ
COMPOSED BY-SAZ
LYRICS BY-SAZ 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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