हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम भजन लिरिक्स

हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम Hariye Na Himmat Bisariye Na Ram Bhajan Lyrics

 
Hariye Na Himmat Bisariye Na Ram Bhajan Lyrics

तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम,
दीपक ले के हाथ में सतगुरु राह दिखाये,
पर मन मूरख बावरा आप अँधेरे जाए,
पाप पुण्य और भले बुरे की वो ही करता तोल,
ये सौदे नहीं जगत हाट के तू क्या जाने मोल,
जैसा जिस का काम पाता वैसे दाम,
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम,
हिम्मत ना हारिये प्रभु ना बिसारिये
हसते मुस्कुराते हुए जिन्दगी गुजारिये

काम ऐसे कीजिये कि जिनसे हो सबका भला
बातें ऐसी कीजिये कि जिनमें हो अमृत भरा
मीठी बोली बोल सबको प्रेम से पुकारिये
कडवे बोल बोलके ना जिन्दगी बिगाड़िये

अच्छे कर्म करते हुए दुख भी अगर पा रहे
पिछले पाप कर्मों का भुगतान वो भुगत रहे
सदगुरु की भक्ति करके पाप को मिटाइये
गलतियों से बचते हुए साधना बढ़ाइये
गलतियों से बचते हुए भक्ति को बढ़ाइये

हृदय की किताब पर ये बात लिख लीजिये
बन के सच्चे भक्त सच्चे दिल से अमल कीजिये
करके अमल बन के कमल तरिये और तारिये
जग में जगमगाते हुए जिन्दगी गुजारिये
मुशकिलों मुसीबतों का करना है जो खात्मा

हर समय कहना तेरा शुक्र है परमात्मा
फरियाद करके अपना हाल ना बिगाड़िये
जैसे प्रभु राखे वैसे जिन्दगी गुजारिये

 मधुर भजन : हिम्मत न हारिये बिसारिये न राम को - Total Bhajan

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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