मोहे भी रंग दे कन्हैया तेरे रंग में
मोहे भी रंग दे कन्हैया तेरे रंग में भजन
खेलूंगी होली सांवरिया तेरे संग में,मोहे भी रंग दे कन्हैया तेरे रंग में।।
रंग लाल, गुलाबी, केसरीया न भाए रे मुझको रसिया,
रंग तेरे ही रंग में रंग दे, ओ श्याम सलोने सांवरिया।।
तू रंगरेज़ रंगीला है, तेरे जैसा न और कोई,
जो जीवन भर न उतर सके, मुझे ऐसा रंग लगा कोई।।
होली की मस्ती छाई है अंग-अंग में,
मोहे भी रंग दे कन्हैया तेरे रंग में।।
मोहे रंग दे || Mohe Rang De || अनिल रजनीश शर्मा || Purva Bhakti || New Khatu Shyam Bhajan ||
कान्हा के साथ होली खेलने की लालसा मन को उनके प्रेम-रंग में डुबो देती है। सारे रंग—लाल, गुलाबी, केसरिया—फीके पड़ जाते हैं, जब श्याम का रंगीला रंग चढ़ता है। जैसे कोई नदी सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देती है, वैसे ही भक्त कन्हैया के रंग में रंगकर उनमें लीन होना चाहता है।
संत का हृदय पुकारता है—कान्हा, तेरा रंग ऐसा चढ़ा कि जीवन भर न उतरे। चिंतक का मन विचारता है—कृष्ण का प्रेम वह रंगरेज़ है, जो मन की हर उदासी को आनंद में बदल देता है। धर्मगुरु की सीख है—होली की मस्ती में डूबो, पर सच्चा रंग वही है, जो कन्हैया की भक्ति से मिलता है।
कान्हा, तेरी होली में वह मस्ती है, जो हर अंग को प्रेम से भर देती है। बस, मुझे अपने रंग में ऐसा रंग दे कि मैं सदा तुझमें रमा रहूँ, तेरे संग होली खेलता रहूँ।
Singer : Anil Rajnish Sharma
Lyrics : Vinod Rahi
Music : Lovely Sharma
Composer : Dr.Anil Sharma
Video : Vikas Saxena