मेरे बांके बिहारी लाल तू इतना ना करिओ श्रृंगार भजन लिरिक्स Mere Banke Bihari Lal Bhajan Lyrics
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका,
प्यारा लागे तेरा पीला पटका,
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका।
प्यारा लागे तेरा नीला पटका।
तेरे गुंगार वाले बाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका,
प्यारा लागे तेरा काला पटका,
तेरे गल में वैजयंती माल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी सुरतिया पे मन मोरा अटका,
प्यारा लागे तेरा पीला पटका,
तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी मुरलिया पे मन मेरा अटका।
प्यारा लागे तेरा नीला पटका।
तेरे गुंगार वाले बाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका,
प्यारा लागे तेरा काला पटका,
तेरे गल में वैजयंती माल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,
नज़र तोहे लग जाएगी,
Nikunj Kamra || Mere Banke Bihari Lal || New Bhajan 2018 || Special Best Bhajan
यह भजन भगवान श्री कृष्ण की सुंदरता की प्रशंसा करता है। भक्त कृष्ण से कहता है कि वह अपना श्रृंगार कम करे, क्योंकि उसकी सुंदरता इतनी अद्भुत है कि वह किसी को भी मोहित कर सकती है। भजन की पहली पंक्ति में, भक्त कृष्ण को "बांके बिहारी लाल" कहकर पुकारता है। यह नाम कृष्ण के बालपन और जवानी का प्रतीक है। दूसरी पंक्ति में, भक्त कृष्ण की सुंदरता की प्रशंसा करता है। वह कहता है कि कृष्ण की सुरतिया (चेहरा) बहुत
भक्त कृष्ण से कहता है कि वह अपना श्रृंगार कम करे। वह कहता है कि कृष्ण की सुंदरता इतनी अद्भुत है कि वह किसी को भी मोहित कर सकती है। यह भजन भक्ति और प्रेम की भावना को दर्शाता है। भक्त श्री कृष्ण की सुंदरता से इतना प्रभावित है कि वह चाहता है कि कृष्ण अपना श्रृंगार कम करे, ताकि वह उसकी सुंदरता को और अधिक आसानी से देख सके। यह भजन हमें भी सिखाता है कि हमें भगवान की सुंदरता की प्रशंसा करनी चाहिए। भगवान की सुंदरता हमें प्रेम और आशा का संदेश देती है। श्री कृष्ण जी के भजन नित्य सुनने मात्र से ही व्यक्ति पाप कार्यों से दूर होने लगता है.
भक्त कृष्ण से कहता है कि वह अपना श्रृंगार कम करे। वह कहता है कि कृष्ण की सुंदरता इतनी अद्भुत है कि वह किसी को भी मोहित कर सकती है। यह भजन भक्ति और प्रेम की भावना को दर्शाता है। भक्त श्री कृष्ण की सुंदरता से इतना प्रभावित है कि वह चाहता है कि कृष्ण अपना श्रृंगार कम करे, ताकि वह उसकी सुंदरता को और अधिक आसानी से देख सके। यह भजन हमें भी सिखाता है कि हमें भगवान की सुंदरता की प्रशंसा करनी चाहिए। भगवान की सुंदरता हमें प्रेम और आशा का संदेश देती है। श्री कृष्ण जी के भजन नित्य सुनने मात्र से ही व्यक्ति पाप कार्यों से दूर होने लगता है.