नंदी पर असवार मेरे भोले बाबा आए हैं
गले नागों के हार, माथे गंगा की धार।।
और नंदी पर असवार, मेरे भोले बाबा आए हैं।।
भोले पीते हैं विष का प्याला,
और देवों का दुख हर डाला।।
गले नागों के हार, माथे गंगा की धार।।
भोले माथे पे चंदा साजे,
और हाथों में डमरू बाजे।।
गले नागों के हार, माथे गंगा की धार।।
ऊँचे पर्वत पे डाले डेरा,
मैं हूँ भोले का, भोला है मेरा।।
गले नागों के हार, माथे गंगा की धार।।
बाबा ने कौशल में गुण है गाया,
तूने चरणों से अपने लगाया।।
गले नागों के हार, माथे गंगा की धार।।
Mere Bhole Baba Aaye Hain || Shiv Bhajan || (Audio)