जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एक दिन दयावन्त चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू अन का भोग लागो सन्त करे सेवा
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
‘ सूरश्याम ‘ शरण आए सुफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
विध्न हरण मंगल करण, काटत सकल कलेस
सबसे पहले सुमरिये गौरीपुत्र गणेश
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एक दिन दयावन्त चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू अन का भोग लागो सन्त करे सेवा
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
‘ सूरश्याम ‘ शरण आए सुफल कीजे सेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
विध्न हरण मंगल करण, काटत सकल कलेस
सबसे पहले सुमरिये गौरीपुत्र गणेश
JAI GANESH JAI GANESH JAI GANESH DEVA || LORD GANESH AARTI || GANESH BHAJAN - VERY BEAUTIFUL SONG
श्री गणेश जी की आरती के जाप से असंख्य पाप कटते हैं और कई फायदे होते हैं । भगवान गणेश एक दयालु देवता हैं, जिनके चार भुजा हैं। उनके मस्तक पर सिंदूर का तिलक है और वे एक मूषक पर सवार हैं। आरती में भगवान गणेश को विभिन्न नामों से पुकारा गया है, जैसे कि गणपति, विनायक, विघ्नहर्ता, सिद्धिदाता आदि ये सभी के बोलने मात्र से ही व्यक्ति में सद्बुद्धि आती है और वह पुन्य कर्म की तरफ अग्रसर होता है.
Author - Saroj Jangir
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