प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना भजन

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना...2
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus

ना धन दौलत ना ही शोहरत और ना कोई खजाना...2
दिल यह चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना
तार जुड़े जो दर से अब वो टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus

मोह के बंधन छूट गए सब जब से जुड़ा हूं तुमसे...2
अब तो मिलता है हर गम भी मुस्कुरा के मुझसे
थामे रहना हाथ कभी ;ss छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना

समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई ...2
हर रस्ता आसान हुआ फिर बना जो तू हमराही
जीवन पथ पर साथ तुम्हारा छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना

सोनू को बस यही शिकायत तुमसे यही गिला है...2
इतनी देर से क्यों मेरे बाबा ;s दरबार मिला है
अब यह सिलसिला जन्मो जन्म तक टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..Chorus
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना...2
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना


प्रेम का धागा तुमसे बाँधा | Most Popular Shyam Bhajan | by Sheetal Pandey | Lyrical
 
Prem Ka Dhaaga Tumase Baandha Ye Toote Na...2
Chaahe Sab Roothe Mere Baaba Too Roothe Na
Chaahe Sab Roothe Mere Baaba Too Roothe Na..chhorus
Prem Ka Dhaaga Tumase Baandha Ye Toote Na
Chaahe Sab Roothe Mere Baaba Too Roothe Na
Chaahe Sab Roothe Mere Baaba Too Roothe Na..chhorus

बाबा के साथ बंधा प्रेम का धागा इतना मजबूत है कि सारी दुनिया रूठ जाए, पर वह कभी नहीं रूठते। यह बंधन न धन-दौलत माँगता है, न शोहरत; बस, उनके दर पर बार-बार आने-जाने की चाह रखता है। जैसे कोई पथिक थककर एकमात्र सहारे की तलाश करता है, वही बाबा का आश्रय है।

संत का हृदय कहता है—बाबा का हाथ थाम लो, क्योंकि उनकी कृपा से हर गम मुस्कान में बदल जाता है। चिंतक का मन सोचता है—जब बाबा हमराही बनते हैं, तो जीवन का हर रास्ता आसान हो जाता है। धर्मगुरु की सीख है—उनके दर से जुड़ा तार कभी न टूटने देना, क्योंकि उनका साथ जन्मों-जन्मों तक निभता है।

बाबा, तुमने मुझे अपना बनाकर मेरी कलाई थामी। अब यह सिलसिला सदा बना रहे। चाहे कितने ही मोह टूट जाएँ, तुम्हारा साथ कभी न छूटे। बस, मेरी यह पुकार है—मेरे बाबा, तुम कभी रूठना नहीं।

Song: Prem Ka Dhaga
Singer: Sheetal Pandey
Lyricist: Aaditya Modi "Sonu"
Music : Dipankar Saha

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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