जो भी मेरे श्याम का दीवाना है

जो भी मेरे श्याम का दीवाना है

जो भी मेरे श्याम का दीवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये ज़माना है।

हर खुशी में उनके है,
रंजो गम में उनके है,
हर कदम पे साँवरे के,
मिलते है निशान,
उस दिये की बाती है,
जन्मो का ये साथी है
इसके रहते कोई कैसे,
होगा परेशान,
गाये जो श्याम का फसाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये ज़माना है।

बागवा उस गुलशन का,
अक्स है उस दर्पण का,
प्यार से जो लेता मेरे,
सांवरे का नाम,
तोड़ता ना बंधन है,
रहता उसके संग संग है,
हारे को जीता कर के,
देता ये इनाम,
काम जिसका इसे रिझाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये ज़माना है।

चारो तरफ खुशहाली,
रोज होली दिवाली,
श्याम दीवानो के लिए,
आम बात है,
बाल ना बांका होवे,
खूंटी तान के सोवे,
उसके सर पे सांवरे,
का रहता हाथ है,
श्याम कहे जिससे भी याराना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये ज़माना है।
जो भी मेरे श्याम का दीवाना है,
उसके पीछे ये जमाना है,
जो भी मेरे श्याम का दिवाना है,
उसके पीछे ये ज़माना है।


जो भी मेरे श्याम का दीवाना है उसके पीछे ये जमाना है.

Jo Bhee Mere Shyaam Ka Deevaana Hai,
Usake Peechhe Ye Jamaana Hai,
Jo Bhee Mere Shyaam Ka Divaana Hai,
Usake Peechhe Ye Zamaana Hai.

श्याम बाबा के दीवाने साधक के पीछे सारा जमाना चलता है, क्योंकि उसका हृदय साँवरे के प्रेम में रंगा है। सुख हो या दुख, हर कदम पर श्याम के चिह्न, जैसे दीये की बाती जो जन्मों का साथी। उनका नाम जपने वाला कभी परेशान न हो, वह गुलशन का बाग, दर्पण का अक्स। प्रेम से श्याम को पुकारे, तो बंधन टूटे, साँवरा संग-संग चले, हारे को विजयी बनाए। उनके दीवानों के लिए हर दिन उत्सव, होली-दिवाली सा आनंद। साँवरे का हाथ सिर पर हो, तो साधक निश्चिंत, उसका बाल बाँका न हो। यह श्याम भक्ति का उत्साह है, जहाँ साँवरे का नाम साधक को हर दुख से उबारता है, जीवन को प्रेम और खुशहाली से भर देता है।

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