ॐ जय श्री श्याम हरे खाटू श्याम जी की आरती

खाटू श्याम जी की आरती

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे |
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे |
खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे |
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे |
भक्त आरती गावे, जय जयकार करे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे |
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम श्याम उचरे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे |
कहत भक्त – जन, मनवांछित फल पावे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे |

जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे |
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे ||
ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे | 

श्री खाटू श्याम जी की आरती | Best Morning Aarti | Tara Devi | Khatu Shyam Aarti | Saawariya

खाटू धाम में बाबा श्याम का अनुपम रूप हृदय को मोह लेता है। रत्नजटित सिंहासन पर विराजे बाबा, केसरिया वस्त्र और कानों में कुंडल धारण किए, भक्तों के मन को आल्हादित करते हैं। जैसे कोई सच्चा भक्त अपने प्रिय को फूलों की माला अर्पित करता है, वैसे ही बाबा के गले में पुष्पमाला और सिर पर मुकुट शोभा पाते हैं। धूप, दीप और अग्नि की ज्योति से उनका मंदिर प्रकाशमान होता है, मानो सारी नकारात्मकता को जलाकर भक्ति का उजाला फैलता हो।

मोदक, खीर और चूरमा से भरा स्वर्ण थाल उनकी महिमा को और बढ़ाता है। सेवक नित्य सेवा में लीन रहते हैं, जैसे कोई पुत्र अपने पिता की हर इच्छा पूर्ण करता है। झांझ, शंख और मृदंग की ध्वनि के बीच भक्तों की आरती और जयकार से वातावरण गुंजायमान होता है। यह भक्ति का ऐसा उत्सव है, जो मन को शांति और आत्मा को बल देता है।

जो भी सच्चे मन से बाबा का ध्यान करता है, उसके सारे दुख दूर होते हैं। जैसे कोई पथिक रेगिस्तान में मरुदyan पाकर तृप्त होता है, वैसे ही बाबा का नाम लेने से मन की हर तृष्णा शांत होती है। उनकी आरती गाने वाला हर भक्त मनवांछित फल पाता है। बाबा अपने भक्तों के काज पूर्ण करते हैं, जैसे एक दयालु पिता अपने बच्चों की हर पुकार सुनता है।

मन को निर्मल कर, बाबा के चरणों में शरण लें। उनकी भक्ति में डूबकर जीवन का हर संकट पार करें। सच्ची श्रद्धा ही वह दीप है, जो अंधेरे को चीरकर प्रकाश की राह दिखाता है।
 
राजस्थान के सीकर स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर देश-विदेश में प्रसिद्ध है . खाटू श्याम जी को शीश का दानी के नाम से भी जाना जाता है| इनके इस महान बलिदान को देखकर भगवन श्री कृष्ण ने वीर बर्बरीक को यह वरदान दिया कि यह संसार कलयुग में तुम्हारे मेरे नाम से श्याम, से घर घर में पूजेगा और तुम सब की कामना पूर्ण करोगे| आज श्याम बाबा के देश विदेश में हजारों कि शंख्या में मंदिर हैं| खाटू श्याम जी को शीश के दानी खाटू नरेश श्याम सरकार खाटू नाथ मोर्विनंदन लख दातार श्री खाटू वाले के नाम से भी जानते हैं| भगवान् श्री कृष्ण ने युद्ध की समाप्ति पर बर्बरीक का सिर रूपवती नदी को समर्पित कर दिया. 

Album - Khatu Shyam Aarti
Song - Khatu Shyam Aarti
Singer - Tara Devi
Music - Vikash Kumar
Lyrics - Traditional
Label - Vianet Media

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