चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूमते
चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूमते भजन
चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूमतें,
चली शिव की बारात मस्ती में सारे झूमते,
बैरागी का रूप बनाया भोला शिव त्रिपुरारी आया,
तीनों लोकों में है फैली जे भोले तेरी जैसी माया,
भूत प्रेतों संग झूम के चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,
माथे चंदा साजे शिव के गल नागों की माला,
तन पे भस्म रमाएँ दूल्हा बन गया डमरुँ वाला,
ढोल नगाड़े बाजे झूमते, चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,
भगतो के संग झूम झूम के नाचे सुभाष दीवाना,
जे के जोगी ने है गाकर शिव भक्तो को नचाना
भांग प्याला पी के झूमते चली शिव की बारात,
मस्ती में सारे झूम ते चली शिव की बारात,
भोले की बारात ऐसी कि सारा आलम मस्ती में डूब जाए। त्रिशूल हाथ में, अघोरियों संग झूमते भोले, जैसे कोई अनछुआ राग हर दिल को छू ले। उनका बैरागी रूप, माया से परे, फिर भी तीनों लोकों को रंग देता है। भूत-प्रेत भी उनके साथ थिरकते हैं, जैसे सब उनके नाम में खो गए हों।
माथे पर चंद्रमा, गले में नागों की माला, और तन पर भस्म—ऐसा दूल्हा, जो डमरू बजाकर सृष्टि को नचाए। ढोल-नगाड़ों की धुन पर बारात चली, हर कदम पर मस्ती बिखरती है। भक्त सुभाष सा दीवाना होकर नाचे, भांग का प्याला थामे, और शिव का नाम गाए। हर जोगी, हर भक्त उनके रंग में रंगा, जैसे सारी दुनिया शिव की बारात में झूम उठे।
Punjabi Shiv Bhajan: Chali Shiv Di Baraat
Singer: J.K. Jogi
Music Director: B.K. Rahi
Lyricist: Subhash Deewana
Album: Chali Shiv Di Baraat
Music Label: T-Series
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Author - Saroj Jangir
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