हंसा सुन्दर काया रो मत करजे अभिमान

हंसा सुन्दर काया रो मत करजे अभिमान भजन

हंसा सुन्दर काया रो, मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
सायब रे दरबार,

गरब वास मे दुख पायो,
जद हरि से करी पुकार,
पल भर बुलु नाहि रे,
कोल वचन किरतार,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आकर के संसार मे,
कभी ना भजियो राम,
तिरथ वरत ना किनो रे,
नही कीनो सुकरत काज,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,

कुटम कबिलो देख के,
गरब कीयो मन माय,
हंश अकेलो जासी रे,
कोय नही संग मे जाय,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
 
राम नाम री बान्ध गाठडी,
कर ले सुकरत कार,
कहै कबीर सुनो भाई साधु,
आखिर आसी राम,
हंशा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,

हंसा सुन्दर काया रो,
मत करजे अभिमान,
आखिर एक दिन जाणो रे,
मालिक रे दरबार,
आखिर एक दिन जाणो रे,
सायब रे दरबार,
 

हंसा सुंदर काया रो - Prakash Mali | राजस्थान का सुंदर Marwadi Bhajan | जरूर सुने | Rajasthani Song

Hansa Sundar Kaaya Ro,
Mat Karaje Abhimaan,
Aakhir Ek Din Jaano Re,
Maalik Re Darabaar,
Aakhir Ek Din Jaano Re,
Saayab Re Darabaar,
Mat Karaje Abhimaan,
Aakhir Ek Din Jaano Re,
Maalik Re Darabaar,
Aakhir Ek Din Jaano Re,
Saayab Re Darabaar,

जीवात्मा को हँस कहा गया है और उसे सन्देश है की अपनी इस काया/तन का अभिमान तुम मत करो। यह काया तुम्हारा साथ निभाने वाली नहीं है। एक रोज इस काया को छोड़ कर जाना होगा, इसलिए इस पर घमंड करना व्यर्थ है। इस जगत में सुन्दर बस केवल श्री राम का नाम है। इस संसार में तुम्हे करोड़ों जतन के उपरान्त मानव जनम मिला लेकिन तुमने ईश्वर को कभी भी याद नहीं किया, नाहीं तुमने कोई धार्मिक कार्य ही किए।

जिस कुटुंब कबीले को देख कर तुम मन में अहम् से भर जाते हो उनमे से कोई भी तुम्हारे साथ नहीं जाने वाला है। इसलिए हरी का नाम जी जीवन मुक्ति का मन्त्र है , कोई राजा हो, रंक हो, सभी को जाना है। यह काल किसी को नहीं छोड़ने वाला है। 
 
इस सुंदर देह पर घमंड न कर, क्योंकि एक दिन सबको मालिक के दरबार में जाना है। अभिमान में डूबकर मन दुख पाता है, पर हरि को पुकारने से पल में राहत मिलती है, जैसे अंधेरे में एक दिया जल उठे।

संसार में आकर राम का नाम न लिया, न तीर्थ किए, न कोई नेक काम—ऐसा जीवन खाली रह जाता है। कुटुंब और माया को देखकर मन फूलता है, पर अंत में हंसा अकेला जाता है, कोई साथ नहीं चलता।

कबीर कहते हैं, राम नाम की गठरी बाँध ले, नेक काम कर। यही असली कमाई है, जो मालिक के दरबार में काम आएगी। आखिर में वही राम साथी है, जो हर अभिमान को धो देता है, जैसे नदी किनारे का सारा कचरा बहा ले जाए। 

Song : Hansa Sundar Kaya Ro
Title : Amar Chundadi Odhu
Singer : Prakash Mali
Category : Devotional
Track Genre : Bhakti Song

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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