गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया

गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है भजन 

गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है,
इसी लिए तप करके भोले नाथ को पाया है,

कैलाश पर्वत पे शिव जी का बसेरा है,
शिव जी के चरणों में गोरा माँ का डेरा है,
शिव शक्ति बन कर के इनकी लीला को रचाया है,
गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है

मेरे भोले शिव जैसा देव न कोई दूजा,
पारवती माँ इनकी दिन रात करे पूजा,
हर युग में शिव जी का देखो साथ निभाया है,
गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है

देवो के देव है ये माहाकाल महादेवा,
गणेश और कार्तिक जी इनकी करे सेवा,
नंदी बिनगी शिव गन ने जय कारा लगाया है,
गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है

इक लोटा जल जो भी शिव लिंग पे चढ़ाता है,
मन की मुरादे सारी शिव मंदिर से पाता है,
अपने सब भक्तो को भव पार लगाया है,
गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया है 
 


गौरा जी को भोले का योगी रूप सुहाया

Song : :Gaura Ji Ko Bhole Ka Yogi Roop Suhaya Hai
Album :Somvar Shiv Bhajan
Lyrics :Vishesh
Singer : Rakesh Kala
Music :Rakesh Sharma
Label : Brijwani Cassettes
Produced By : Sajal
 
गौरा का मन भोले के योगी रूप में रम गया, जैसे चाँद सितारों में खो जाए। कैलाश की चोटी पर शिव का ठिकाना है, और उनके चरणों में गौरा का दिल बिछा है। दोनों की शक्ति मिलकर सृष्टि का रंग रचती है, हर पल एक नई लीला बुनती है।

भोले जैसा कोई नहीं—सादा, सच्चा, सबका। पारवती हर पल उनकी आराधना में डूबी रहती हैं, युगों-युगों तक साथ निभाती हैं। गणेश, कार्तिक, नंदी और सारे शिवगण उनके नाम का जयकारा गाते हैं, जैसे सारा आलम उनकी भक्ति में झूमे।

एक लोटा जल चढ़ाने से मन की हर मुराद पूरी हो जाए, ऐसा भोले का आशीर्वाद है। वे भक्तों का हाथ थामकर उन्हें भवसागर से पार लगाते हैं, जैसे कोई माँ अपने बच्चे को सीने से लगाए। गौरा को भोले का वही योगी रूप भाया, जो सबके लिए प्रेम और करुणा बनकर बरसता है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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