मेरी मैया की चुनरी कमाल है भजन

मेरी मैया की चुनरी कमाल है भजन

(मुखड़ा)
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है।।

(अंतरा 1)
माँ की चुनरी के देख नज़ारे,
चम-चम चमके जिसमें चाँद और सितारे।
रंग उड़ रहे हैं प्यारे-प्यारे,
हीरे-मोती से सजी बेमिसाल है।
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।।

(अंतरा 2)
सारी दुनिया से है न्यारी,
इसमें फूलों की फुलवारी।
फूलों की, फूलों की फुलवारी,
सृष्टि जिसमें समाई सारी।
करती भक्तों का जीवन निहाल है,
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।।

(अंतरा 3)
पवन के जब-जब झोंके आएं,
लहर-लहर चुनरी लहराए।
झूम-झूम के ‘पन्ना’ गाए,
बेधड़क चुनरी की ना मिसाल है।
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।।

(पुनरावृत्ति - समापन)
मेरी मैया की चुनरी कमाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।
रंग सोना-सोना, लाल-लाल है,
मेरी मैया की चुनरी कमाल है।।
 

Maiya Ki Chunari · Panna Gill · Lakhbir Singh Lakha

इस भजन में माँ की महिमा और उनके प्रेम की वह अनुपम छवि है, जो भक्त के मन को आल्हादित कर देती है। माँ की चुनरी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि वह दैवीय शक्ति का प्रतीक है, जिसमें सोने-लाल रंगों की चमक और चाँद-सितारों की झिलमिलाहट समाई है। यह चुनरी सृष्टि की सारी सुंदरता को अपने में समेटे हुए है, जैसे कोई फूलों की बगिया सारी प्रकृति को गले लगाए।

जब पवन के झोंके चुनरी को लहराते हैं, तो वह माँ की कृपा सी प्रतीत होती है, जो भक्तों के जीवन को प्रेम और आनंद से भर देती है। यह कृपा वह प्रकाश है, जो अंधेरे में रास्ता दिखाता है। सत्य का मार्ग यही है कि माँ की शरण में भक्त का हृदय निहाल हो जाता है, जैसे प्यासा जल पाकर तृप्त हो।

चिंतन का भाव है कि माँ की चुनरी वह प्रेम है, जो सारी माया से परे है। जैसे कोई बच्चा माँ की गोद में सारी दुनिया भूल जाता है, वैसे ही यह चुनरी भक्त को संसार के बंधनों से मुक्त कर माँ के चरणों में ले जाती है। यह भक्ति ही है, जो जीवन को बेमिसाल बनाती है।

Next Post Previous Post