ज्योता दी ए लौ दातिए भजन

ज्योता दी ए लौ दातिए भजन

ज्योता दी ए लौ, दातिए,
ज्योता दी ए लौ...
तेरे नाम दा नूर चढ़ाउंदी,
वंडदी ए खुशबू,
ज्योता दी ए लौ...

तू जग जननी, तू कल्याणी,
बुझे ना तेरी ज्योत नूरानी।
भावे होवे सावन महीना,
भावे होवे पोह,
ज्योता दी ए लौ...

तेरे दर माँ मौर बोलदे,
कन्ना दे विच रस घोलदे।
तू बच्च्यां नू देवे लोरियाँ,
दर ते आवे जो,
ज्योता दी ए लौ...

जिहड़ा बनके सवाली आवे,
मुखों मंगियां मुरादां पावे।
ओहदी झोली रवे ना खाली,
तेरा होवे जो,
ज्योता दी ए लौ...

पंछी जो आज़ाद परिंदे,
तेरे प्यारे सुनेहे देंदे।
चंचल कदे भी भूल नहीं सकदा,
बच्चड़ा कदे भी भूल नहीं सकदा,
तेरी ममता मोह,
ज्योता दी ए लौ...


ज्योता दी ऐ लो दातिए ,ज्योता दी ऐ लो इस सुन्दर भजन को जरूर सुने

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ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ, ਦਾਤੀਏ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...
ਤੇਰੇ ਨਾਮ ਦਾ ਨੂਰ ਚੜਾਉਂਦੀ,
ਵੰਡਦੀ ਏ ਖੁਸ਼ਬੂ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...


ਤੂੰ ਜਗ ਜਨਨੀ, ਤੂੰ ਕਲਿਆਣੀ,
ਬੁਝੇ ਨਾ ਤੇਰੀ ਜ੍ਯੋਤ ਨੂਰਾਣੀ।
ਭਾਵੇਂ ਹੋਵੇ ਸਾਵਣ ਮਹੀਨਾ,
ਭਾਵੇਂ ਹੋਵੇ ਪੋਹ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...

ਤੇਰੇ ਦਰ ਮਾਂ ਮੌਰ ਬੋਲਦੇ,
ਕੰਨਾ ਦੇ ਵਿਚ ਰਸ ਘੋਲਦੇ।
ਤੂੰ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਦੇਵੇ ਲੌਰੀਆਂ,
ਦਰ ਤੇ ਆਵੇ ਜੋ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...

ਜਿਹੜਾ ਬਣ ਕੇ ਸਵਾਲੀ ਆਵੇ,
ਮੂੰਹੋਂ ਮੰਗੀਆਂ ਮੁਰਾਦਾਂ ਪਾਏ।
ਉਹਦੀ ਝੋਲੀ ਰਹੇ ਨਾ ਖਾਲੀ,
ਤੇਰਾ ਹੋਵੇ ਜੋ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...

ਪੰਛੀ ਜੋ ਆਜ਼ਾਦ ਪਰਿੰਦੇ,
ਤੇਰੇ ਪਿਆਰੇ ਸੁਨੇਹੇ ਦਿੰਦے।
ਚੰਚਲ ਕਦੇ ਵੀ ਭੁੱਲ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ,
ਬੱਚੜਾ ਵੀ ਕਦੇ ਭੁੱਲ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ,
ਤੇਰੀ ਮਮਤਾ ਮੋਹ,
ਜ੍ਯੋਤਾ ਦੀ ਏ ਲੌ...
 
माँ की ज्योत वह अनंत प्रकाश है, जो हर हृदय को प्रभु के नाम की सुगंध से भर देता है। यह ज्योत न कभी बुझती है, न कभी क्षीण होती। जैसे सूरज हर सुबह नया उजाला लाता है, वैसे ही माँ का आशीर्वाद हर पल जीवन को रोशन करता है।

माँ जगत की जननी है, कल्याण की स्रोत। उनके दर पर मौर नाचते हैं, और उनकी वाणी कानों में मधुर रस घोलती है। जो भी उनके द्वार पर आता है, माँ उसे ममता से लोरियाँ देती है, जैसे कोई माँ अपने बच्चे को सुलाते वक्त स्नेह बरसाती है।

उनका दर वह पवित्र स्थान है, जहाँ हर सवाली की झोली भर जाती है। जो मन से माँ का हो जाए, उसकी हर मुराद पूरी होती है। माँ की कृपा ऐसी है कि कोई खाली नहीं लौटता।

यह ममता इतनी गहरी है कि पंछी भी उनके गुण गाते हैं, और हर प्राणी उनके प्यार में बंधा है। जैसे कोई बच्चा माँ की गोद को कभी नहीं भूलता, वैसे ही माँ की ज्योत हर मन में सदा जलती रहती है, और जीवन को प्रेम व विश्वास से आलोकित करती है।
 
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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