जो घट अंतर हरि सुमिरै भजन

जो घट अंतर हरि सुमिरै भजन

जो घट अंतर हरि सुमिरै .
ताको काल रूठि का करिहै जे चित चरन धरे ..

सहस बरस गज युद्ध करत भयै छिन एक ध्यान धरै .
चक्र धरै वैकुण्ठ से धायै बाकी पैंज सरै ..

जहँ जहँ दुसह कष्ट भगतन पर तहं तहँ सार करै .
सूरजदास श्याम सेवै ते दुष्तर पार करै
 
बंशी बजाके श्याम ने दीवाना कर दिया
अपनी निगाहें-नाज़ से........२ मस्ताना कर दिया .

जब से दिखाई श्याम ने वो सांवरी सुरतिया........२
वो सांवरी सुरतिया वो मोहनी मुरतिया........२
खुद बन गये शमा मुझे परवाना कर दिया
बंशी बजाके श्याम ने दीवाना कर दिया

बांकी अदा से देखा मन हरन श्याम ने.....२
मन हरन श्याम ने सखी चित चोर श्याम ने....२
इस दिन दुनिया से मुझे बेगाना कर दिया....२
बंशी बजा के श्याम ने दीवाना कर दिया
अपनी निगाहें-नाज़ से........२ मस्ताना कर दिया .
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे / भजन
बधैया बाजे
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राम लखन शत्रुघन भरत जी झूलें कंचन पालने में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राजा दसरथ रतन लुटावै लाजे ना कोउ माँगने में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

प्रेम मुदित मन तीनों रानि सगुन मनावैं मन ही मन में ।
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥

राम जनम को कौतुक देखत बीती रजनी जागने में
बधैया बाजे आंगने में बधैया बाजे ॥
नंद बाबाजी को छैया
नंद बाबाजी को छैया वाको नाम है कन्हैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..
बड़ो गेंद को खिलैया आयो आयो रे कन्हैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..

काहे की गेंद है काहे का बल्ला
गेंद मे काहे का लागा है छल्ला
कौन ग्वाल ये खेलन आये खेलें ता ता थैया ओ भैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..

रेशम की गेंद है चंदन का बल्ला
गेंद में मोतियां लागे हैं छल्ला
सुघड़ मनसुखा खेलन आये बृज बालन के भैया कन्हैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..

नीली यमुना है नीला गगन है
नीले कन्हैया नीला कदम्ब है
सुघड़ श्याम के सुघड़ खेल में नीले खेल खिलैया ओ भैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..
प्रात पुनीत काल प्रभु जागे / भजन
प्रात पुनीत काल प्रभु जागे ।
अरुनचूड़ बर बोलन लागे ॥

प्रात काल उठि कै रघुनाथा ।
मात पिता गुरु नावइँ माथा ॥

मात पिता गुरु प्रभु कै बानी ।
बिनहिं बिचार करिय सुभ जानी ॥

सुनु जननी सोइ सुत बड़भागी ।
जो पितु मात बचन अनुरागी ॥

धरम न दूसर सत्य समाना ।
आगम निगम पुराण बखाना ।।

परम धर्म श्रुति बिदित अहिंसा ।
पर निंदा सम अघ न गरीसा ॥

पर हित सरिस धरम नहि भाई ।
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ॥

पर हित बस जिन के मन माँहीं ।
तिन कहुँ जग दुर्लभ कछु नाहीँ ॥

गिरिजा संत समागम, सम न लाभ कछु आन ।
बिनु हरि कृपा न होइ सो, गावहिं वेद पुराण ॥
बनवारी रे
जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे

झूठी दुनिया झूठे बंधन, झूठी है ये माया
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया
ओ, यहाँ साँचा तेरा नाम रे
बनवारी रे ...

रंग में तेरे रंग गये गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा
बन गये तेरे प्रेम के जोगी, ले के मन एकतारा
ओ, मुझे प्यारा तेरा धाम रे
बनवारी रे ...

दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में, आस की ज्योत जगाये
ओ, मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे
बनवारी रे ...

Jo Ghat Antar Hari Sumire RCG

Jo Ghat Antar Hari Sumire RCG · Ram Chandra Goyal
Super Hit Bhajan
Composer: Nandkishore Dadhich
Lyricist: Ram Chandra Goyal

प्रभु का स्मरण जीवन की हर मुश्किल को सरल बनाता है। जब हृदय में हरि का नाम बसता है, तो काल का भय मन को नहीं छूता। जैसे भक्त प्रह्लाद ने चरणों में ध्यान लगाया और चक्रधारी ने क्षण में रक्षा की, वैसे ही भक्त की पुकार पर प्रभु दौड़े आते हैं। सूरदास की भक्ति हो या श्याम की बंसी की मधुर तान, दोनों ही मन को प्रभु के प्रेम में डुबो देते हैं। उनकी एक निगाह माया के बंधनों को तोड़कर आत्मा को दीवाना बना देती है।

राम के जन्म पर अयोध्या में बधाई बजी, जैसे प्रभु का आगमन हर घर में सुख बिखेरता है। दशरथ का हर्ष, रानियों का प्रेम, और जन-जन का उत्सव यही बताता है कि प्रभु का सान्निध्य जीवन को आनंदमय बनाता है। उसी तरह, नंद के आँगन में कन्हैया की किलकारी और यमुना तट पर उनकी लीलाएँ मन को मोह लेती हैं। उनकी गेंद, उनका खेल, सब प्रेम की मस्ती में रंगा है।

प्रभु का प्रभात पवित्र है। रघुनाथ की तरह माता-पिता और गुरु की सेवा में लीन रहो, क्योंकि सच्चा धर्म यही है। अहिंसा, सत्य, और परहित से बड़ा कोई पुण्य नहीं। जैसे संतों का संग दुर्लभ रत्न है, वैसे ही प्रभु की कृपा बिना कुछ सधता नहीं। बनवारी का नाम ही जीवन का सहारा है। इस झूठी माया और क्षणिक सुखों को छोड़, जो उनके धाम में रम जाता है, उसका जीवन उनकी भक्ति की ज्योत से जगमगाता है। सच्चा भक्त वही, जो हरि के चरणों में डूबकर संसार को प्रेम की नजर से देखता है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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