केसरिया पगड़ी सर पर
केसरिया पगड़ी सर पर,
नारंगी फेटों जी,
नारंगी फेटों जी,
हाथा में मोरछड़ी ले,
संकट थे मेटो जी,
संकट थे मेटो जी,
पचरंगो बागो सोहे,
भक्ता के मन को मोहे
सेवक दीवाना थारे
नाम का,
ओ बाबा, दुनियां में डंका बाजे,
श्याम का,
कलियुग का थे देव अवतारी,
नीले घोड़े की असवारी
सेवक दीवाना थारे नाम का,
ओ बाबा, दुनियां में डंका बाजे,
श्याम का,
ओ बाबा, कलियुग में डंका बाजे,
श्याम का।
कार्तिक ग्यारस ने,
मेलो लागे हे भारी जी,
दुल्हन सी लागे,
सजके नगरी या थारी जी,
थारो जन्मदिन आवे,
सेवकियो नाचे गावे,
अजब नज़ारा खाटू धाम का,
पचरंगो बागो सोहे,
भक्ता के मन को मोहे
सेवक दीवाना थारे
नाम का,
ओ बाबा, दुनियां में डंका बाजे,
श्याम का।
जद जद फागणियो आवे,
सेवक हरसावे जी,
लेके निसान बाबा नगरी,
में आवे जी
रंग गुलाल उड़ावे,
रोमी भी चंग बजावे
बनके दीवाना श्याम का
पचरंगो बागों सोहे,
भक्ता के मन को मोहे
सेवक दीवाना थारे
नाम का,
ओ बाबा, दुनियां में डंका बाजे,
श्याम का। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं