जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो भजन

जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया भजन

जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम, मैं तेरा हो गया।
सुना था मेरा दिल,
अब तेरा धाम हो गया है,
दुःख दर्द भरी दुनियाँ थी मेरी,
पर अब आराम हो गया है,
सब काम किये है तुमने,
पर लख्खा का नाम हो गया है,
जब से मैं तेरा और तू मेरा,
मेरे श्याम हो गया है।।
जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम, मैं तेरा हो गया।

तू दाता है तेरा, पुजारी हूँ मैं,
तेरे दर का ऐ बाबा, भिखारी हूँ मै,
तेरी चौखट पे दिल, है मेरा खो गया,
ऐ लीले वाले श्याम, मै तेरा हो गया।।

जब से मुझको तेरी श्याम, तेरी भक्ति मिली,
मेरे मुरझाये मन मे, हैं कलिया खिली,
जो ना सोचा था कभी, वही हो गया,
ऐ मुरली वाले श्याम, मैं तेरा हो गया।

तेरे दरबार की वाह अजब शान है,
जो भी देखे वो ही तुमपे कुर्बान है,
तेरी भक्ति का मुझको नशा हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम, मैं तेरा हो गया।
शर्मा जब तेरी झाँकी का दर्शन किया,
तेरे चरणो में तन मन, ये अर्पण किया,
एक दफा खाटू नगरी में जो भी गया,
ऐ मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया।।
जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया,
ऐ खाटू वाले श्याम, मैं तेरा हो गया।

Jab Se Dekha Tumhe Jaane Kya Ho Gaya Mukesh Bagada Bhajan

Jab Se Dekha Tumhe Jaane Kya Ho Gaya,
Ai Khaatoo Vaale Shyaam, Main Tera Ho Gaya..
 
यमुना किनारे मेरा गाँव, साँवरे आ जाना |
यमुना किनारे मेरी ऊँची हवेली, मैं ब्रज की गोपिका नवेली
राधा रँगीली मेरा नाम, के बंसी बजा जाना ||
यमुना किनारे मेरा गाँव, साँवरे आ जाना |
मलमल कर तुम्हें स्नान कराऊँ, घिस-घिस चन्दन तिलक लगाऊँ
पूजा करूँगी सुबह शाम के माखन खा जाना ||
यमुना किनारे मेरा गाँव, साँवरे आ जाना |
खस-खस का बंगला बनवाऊँ, चुन चुन कलियाँ सेज बिछाऊँ
धीरे धीरे दाबूँ तेरे पाँव के प्रेम रस पी जाना ||
यमुना किनारे मेरा गाँव, साँवरे आ जाना |
देखत रहूँगी राह तुम्हारी, जल्दी आना कृष्ण मुरारी
झाँकी करेगा ब्रज-धाम के हँस-मुसका जाना ||
यमुना किनारे मेरा गाँव, साँवरे आ जाना |
 
खाटू वाले श्याम की एक झलक मन को इस कदर छू जाती है कि जीवन का रंग ही बदल जाता है। वह पल, जब उनकी छवि हृदय में बसती है, जैसे सर्द रात में सूरज की पहली किरण का स्पर्श हो। दुख और दर्द से भरी दुनिया में श्याम का नाम एक ऐसी शांति देता है, जो किसी सागर की गहराई जैसी स्थिर और अनंत है। यह विश्वास सिखाता है कि सच्चा सुख बाहरी उपलब्धियों में नहीं, बल्कि उस प्रभु की भक्ति में है, जो बिना मांगे सब कुछ दे देता है।

उनके दर पर खड़े होकर मन स्वतः ही उनका दास बन जाता है। वहाँ न कोई अभिमान रहता है, न कोई चाह। बस एक भिखारी का भाव, जो अपनी हर पुकार को उनकी चौखट पर अर्पित कर देता है। जैसे कोई बच्चा अपनी माँ की गोद में सब भूल जाता है, वैसे ही श्याम की भक्ति में मन हर चिंता से मुक्त हो जाता है। यह अनुभव यह शिक्षा देता है कि जीवन का सबसे बड़ा धन वह प्रेम है, जो भक्त और भगवान के बीच का सेतु बनता है।

चिंतन करें तो श्याम की भक्ति एक नशे-सी है, जो मन को मुरझाने नहीं देती। वह ऐसी कली है, जो हर बार नई उमंग के साथ खिलती है। उनके दरबार की शान ऐसी है कि जो भी वहाँ जाता है, वह स्वयं को भूलकर केवल उन्हें समर्पित कर देता है। यह भक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने का ढंग है। एक बार जो खाटू की नगरी में कदम रख दे, उसका मन श्याम का हो जाता है, और वह हर पल उनके रंग में रंगा रहता है।
 
Song : Jabse Dekha Tumhe
Album : Kirtan Ki Hai Raat
Music: Dinesh
Lyrics: Ram Lal Sharma
Singer : Mukesh Bagda

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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