सप्त मात्रिका करे आरती, सुरगण ध्यान धरे । विविध प्रकार के व्यजंन, श्रीफल भेट धरे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥
संकट विकट विदारनि, नाशनि हो कुमति । सेवक जन ह्रदय पटले, मृदूल करन सुमति ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥
अमल कमल दल लोचनी, मोचनी त्रय तापा । त्रिलोक चंद्र मैया तेरी, शरण गहुँ माता ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता ॥
या मैया जी की आरती, प्रतिदिन जो कोई गाता । सदन सिद्ध नव निध फल, मनवांछित पावे ॥
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता । अपने भक्त जनन की, दूर करन विपत्ती ॥
Rani Sati Aarti- [ Om Jai Shri Ranisati ]
रानी सती जी को समर्पित झुंझुनू का ये मंदिर 400 साल पुराना है। यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। देश भर से भक्त रानी सती मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहां विशेष प्रार्थना करने के साथ ही भाद्रपद माह की अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी हिस्सा लेते हैं। पौराणिक इतिहास से
ग्यात होता है की महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में वीर अभीमन्यु वीर गति को प्राप्त हुए थे | उस समय उत्तरा जी को भगवान श्री कृष्णा जी ने वरदान दिया था की कलयुग में तू “नारायाणी” के नाम से श्री सती दादी के रूप में विख्यात होगी और जन जन का कल्याण करेगी, सारे दुनिया में तू पूजीत होगी |
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