भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम उनके विभिन्न गुणों, लीलाओं और महिमा का वर्णन करते हैं। प्रत्येक नाम उनके व्यक्तित्व के एक विशेष पहलू को उजागर करता है, जो भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप का स्मरण कराता है। नीचे श्रीकृष्ण के 108 नाम और उनके अर्थ प्रस्तुत हैं:
अचल : स्थायी, स्थिर, निरंतर
मनोहर : मनमोहक अच्युत : अविनाशी मयूर : मोरपंखी वाले भगवान अद्भुत : निराला भगवान मोहन : चित्ताकर्षक आदिदेव : देवताओं के देवता मुरली : बांसुरी बजाने वाले भगवान आदित्य : अदिति के पुत्र मुरलीधर : बांसुरी रखने वाले अजन्मा : जीवन और मृत्यु से परे मुरलीमनोहर : मनमोहक बांसुरी बजाने वाले अजय : जिसे जीता न जा सके नन्दकुमार : नन्द के बेटे अक्षर : जिसे नुकसान न किया जा सके नन्दगोपाल : नन्द के बेटे अमृत : जिसे मारा न किया जा सके नारायण : हर किसी के लिए शरण आनंद सागर : ख़ुशी का भंडार माखनचोर : मक्खन चुराने वाले अनंत : जिसका कोई अंत न हो निरंजन : निष्कलंक
अनंतजीत : जिसने सब कुछ जीत लिया हो निर्गुण : जिसके गुण का बखान न किया जा सके अन्य : जिससे ऊपर कोई न हो पदमहस्त : कमल जैसे हाथ वाले अनिरुद्ध : जिसको बाधित न किया जा सके पदमनाभ : कमल जैसी नाभ वाले अपराजीत : जिसको हराया न जा सके पारब्रह्म : सबसे बड़ा सत्य अवयुक्त : जिसमें कोई बुराई न हो परमात्मा : सबसे बड़ी आत्मा बालगोपाल : बालक कृष्ण परमपुरुष : सबसे बड़ा पुरुष बालकृष्णा: बालक कृष्ण पार्थसारथि : अर्जुन के सारथि चतुर्भुज : चार भुजाओं वाला प्रजापति : सभी जीव जंतु के रचियता दानवेन्द्र : दान देने वाला भगवान पुण्य : पनीत, पवित्र दयालु : कृपालु पुरषोत्तम : सबसे उत्तम पुरुष दयानिधि : कृपा का सागर रविलोचन : सूर्य जिसकी आँखें हैं देवादिदेव : देवताओं के देवता सहस्त्रअक्ष : हज़ार आँखों वाला देवकीनंदन : देवकी माँ के पुत्र
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सहस्त्रजीत : हज़ारों पर विजय प्राप्त करने वाला देवेश : देवताओं के देवता साक्षी : सबकुछ देखने वाला धर्माध्यक्ष : धर्म के प्रमुख सनातन : अनन्त द्रविन : जिसका कोई क्षत्रु न हो सर्वजन : सर्वज्ञ, सर्वदर्शी द्वारकापति : द्वारका के स्वामी सर्वपालक : सभी का पालन पोषण करने वाला गोपाल : ग्वालों के साथ खेलने वाला सर्वेश्वर : सबका ईश्वर गोपालप्रिय : ग्वालों के प्रिय सत्यवाचन : सदा सत्य बोलने वाला गोविंद : गौ को प्रसन्न करने वाला सत्यव्रत : जिसने सत्य का साथ देने का संकल्प लिया हो ज्ञानेश्वर : ज्ञान का भगवन शान्तः : अमनपसंद हरि : प्रकृति के भगवान श्रेष्ठ : उत्कृष्ट हिरण्यगर्भ : शक्तिशाली रचनाकर्ता श्रीकांत : सुन्दर ऋषिकेश : सभी बुद्धि के भगवान श्याम : सावले वर्ण वाला जगद्गुरु : सारे जगत के गुरु श्यामसुन्दर : सावले वर्ण वाला सुन्दर
जगदीश : जगत के भगवान सुमेधा : बुद्धिमत्तापूर्ण जगन्नाथ : जगत के भगवान सुरेशम : सभी देवताओं का स्वामी जनार्दन : सभी को आशीर्वाद देने वाले स्वर्गपति : स्वर्ग का स्वामी जयंत : सभी दुश्मनों के विजेता त्रिविक्रम : तीनो लोक का विजेता ज्योतिरादित्य : सूर्य की चमक उपेन्द्र : इंद्र का बड़ा भाई कमलनाथ : देवी लक्ष्मी के नाथ वैकुण्ठनाथ : वैकुण्ठ के स्वामी कमलनयन : कमल जैसी आँखों वाले वर्धमान : निराकार भगवान कंसंतक : कंस का वध करने वाले वासुदेव : वासुदेव के पुत्र कंजलोचन : कमल जैसी आँखों वाले विष्णु : सभी प्रचलित भगवान केशव : घने काले बालों वाले विश्वदक्षिणा : विश्व को दक्षिणा देने वाले कृष्ण : सावले वर्ण वाला विश्वकर्मा : विश्व का रचियता लक्ष्मीकांतम् : देवी लक्ष्मी के नाथ विश्वमूर्ती : विश्व की मूर्ति लोकाध्यक्षा : तीनों लोक के स्वामी विश्वरूप : विश्व का रूप मदन : प्यार के भगवान विश्वात्मा : विश्व की आत्मा माधव : ज्ञान से भरा भंडार वृषपर्व : धर्म के भगवान मधुसूदन : मधु दानव का नाश करने वाले यादवेन्द्र : यादवों के स्वामी महेंद्र : इंद्र के भगवान योगी : योग करने वाला मनमोहन : मंन को मोहने वाला योगीनामपति : योगियों के स्वामी
कृष्ण: सबको आकर्षित करने वाले, सांवले रंग वाले। कमलनाथ: कमल के स्वामी। वासुदेव: वसुदेव के पुत्र। सनातन: शाश्वत, अनादि। वसुदेवात्मज: वसुदेव के आत्मज (संतान)। पुण्य: पवित्र, शुभ।