राम करे सो होय भजन मुकेश कुमार
"राम" का संबंध "रा" (प्रकाश) और "म" (आनंद या मन) से भी जोड़ा जाता है, जिसका अर्थ हुआ "प्रकाशमय आनंद"। "राम" शब्द "रम" धातु (रम) से निकला है, जिसका अर्थ है "रमण करना" (खुश होना, आनंद लेना)। इसमें "आ" प्रत्यय जोड़कर यह एक व्यक्तिवाचक संज्ञा बनता है, जिसका अर्थ हुआ "वह जो आनंद देता है" या "आनंदमय"। श्री राम ही मुक्ति का आधार हैं, श्री राम।
राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत,
जैसी जाकी चाकरी वैसा वाको देत,
राम करे सो होय रे मनवा राम करे सो होये,
कोमल मन काहे को दुखाये काहे भरे तोरे नैना,
जैसी जाकी करनी होगी वैसा पड़ेगा भरना,
काहे धीरज खोये रे मनवा काहे धीरज खोये,
पतित पावन नाम है वाको रख मन में विश्वास,
कर्म किये जा अपना रे बंदे छोड़ दे फल की आस,
राह दिखाऊँ तोहे रे मनवा राह दिखाऊँ तोहे, राम करे सो होय रे मनवा भजन
राम करे सो होय,
राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत,
जैसी जाकी चाकरी वैसा वाको देत,
राम करे सो होय रे मनवा राम करे सो होये,
कोमल मन काहे को दुखाये काहे भरे तोरे नैना,
जैसी जाकी करनी होगी वैसा पड़ेगा भरना,
काहे धीरज खोये रे मनवा काहे धीरज खोये,
पतित पावन नाम है वाको रख मन में विश्वास,
कर्म किये जा अपना रे बंदे छोड़ दे फल की आस,
राह दिखाऊँ तोहे रे मनवा राह दिखाऊँ तोहे,
चित्रकूट सब दिन बसत प्रभु सिय लखन समेत,
राम नाम जप जापकहि तुलसी अभिमत देत,
यह भजन हमें भगवान राम की महिमा और जीवन के सनातन सत्य को समझाता है। भगवान राम अपने झरोखे से सभी के प्रणाम स्वीकार करते हैं और प्रत्येक को उसकी निष्ठा व कर्म के अनुसार फल प्रदान करते हैं। जो कुछ होता है, वह उनकी इच्छा से ही होता है, इसलिए मन को उनके चरणों में समर्पित कर देना चाहिए। यह भजन कहता है कि अपने कोमल हृदय को व्यर्थ दुखों से क्यों पीड़ित करते हो? कर्म का नियम अटल है—जैसा करोगे, वैसा ही पाओगे। अतः धैर्य बनाए रखो, क्योंकि अधीरता से कुछ प्राप्त नहीं होगा। राम का नाम पवित्र करने वाला है, उनके प्रति पूर्ण विश्वास रखो। अपने कर्तव्यों का पालन करते जाओ और फल की चिंता छोड़ दो, क्योंकि प्रभु ही सच्ची राह दिखाने वाले हैं। यह भजन भक्ति, कर्म, धैर्य और समर्पण का संदेश देता है।
भाव है की इश्वर झरोखे से सभी को निहारते हैं और उनकी चाकरी/ भक्ति के आधार पर सभी को परिणाम देते हैं। व्यक्ति सोचता है की वह करता है लेकिन सत्य यही है की राम जो करते हैं वही होता है। तुम काहे को अपने कोमल मन को कष्ट देते हो, क्यों अपने नयनों में आंसू को भरते हो।
Song : Ram kare so hoye re manva..a soulful devotional song
Singer : Mukesh (mukeshchand Mathur)
Music Director : Naresh Bhattacharya,
Movie : Non Film ,
Lyrics : Traditional
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Author - Saroj Jangir
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