हे नाथ मैं आपको कभी भूलूँ नहीं भजन लिरिक्स He Nath Me Aapko Bhulu Nahi Bhajan Lyrics
हे नाथ मैं आपको कभी भूलूँ नहीं,
हर पल ये कहते रहो कभी भूलूँ नहीं,
प्रात: उठूँ लेके नाम तुम्हारा,
काम करूँ सब समझ के तुम्हारा,
याद करूँ रात दिन कभी भूलूँ नही॥
घर को मैं समझूँ हरि मन्दिर तुम्हारा,
हर जन में देखूँ मैं रूप तुम्हारा,
सब में हरि आप हैं कभी भूलूँ नहीं ॥
जो भी मिला है प्रसाद तुम्हारा,
अमृत समझके करूँ मैं गुजारा,
सुख में या दुख में रहूँ कभी भूलूँ नहीं ॥
‘मोहन’ जीवन को तुमने सँवारा,
कृपा करी देके मुझको सहारा,
नर तन दिया आपका कभी भूलूँ नहीं ॥
हर पल ये कहते रहो कभी भूलूँ नहीं,
प्रात: उठूँ लेके नाम तुम्हारा,
काम करूँ सब समझ के तुम्हारा,
याद करूँ रात दिन कभी भूलूँ नही॥
घर को मैं समझूँ हरि मन्दिर तुम्हारा,
हर जन में देखूँ मैं रूप तुम्हारा,
सब में हरि आप हैं कभी भूलूँ नहीं ॥
जो भी मिला है प्रसाद तुम्हारा,
अमृत समझके करूँ मैं गुजारा,
सुख में या दुख में रहूँ कभी भूलूँ नहीं ॥
‘मोहन’ जीवन को तुमने सँवारा,
कृपा करी देके मुझको सहारा,
नर तन दिया आपका कभी भूलूँ नहीं ॥
हे नाथ ! हे मेरे नाथ ! मैं आपको भूलूँ नही
हे नाथ! मैं आपको भूलूँ नहीं Hey Naath Main Aapko Bhulu Nahi | हिंदी में | spiritualawareness1
Har Pal Ye Kahate Raho Kabhee Bhooloon Nahin .
Praat: Uthoon Leke Naam Tumhaara,
Kaam Karoon Sab Samajh Ke Tumhaara,
Yaad Karoon Raat Din Kabhee Bhooloon Naheen.
Ghar Ko Main Samajhoon Hari Mandir Tumhaara,
Har Jan Mein Dekhoon Main Roop Tumhaara,
Sab Mein Hari Aap Hain Kabhee Bhooloon Nahin .
Jo Bhee Mila Hai Prasaad Tumhaara,
Amrt Samajhake Karoon Main Gujaara,
Sukh Mein Ya Dukh Mein Rahoon Kabhee Bhooloon Nahin .
‘mohan’ Jeevan Ko Tumane Sanvaara,
Krpa Karee Deke Mujhako Sahaara,
Nar Tan Diya Aapaka Kabhee Bhooloon Nahin .
Hey Naath ! He Mere Naath ! Main Aapako Bhooloon Nahin
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना |
फूल नहीं बन सकते तो तुम…कांटे बनकर मत रहना ||
बन न सको भगवान अगर तुम…कम से कम इंसान बनो |
नहीं कभी शैतान बनो…नहीं कभी हैवान बनो |
सदाचार अपना न सको तो…पापों में पग मत धरना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
स्तय वचन ना बोल सको तो…झूठ कभी भी मत बोलो |
मौन रहो तो ही अच्छा है…कम से कम विष मत घोलो |
बोलो यदि पहले तुम बोलो…फिर मुंह को मत खोला करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
घर ना किसी का बसा सको तो…झोपड़ियाँ ना जला देना |
मरहम पट्टी कर ना सको तो…खार को मतना लगा देना |
दीपक बनकर जल ना सको तो…अंधियारा भी मत करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना…
अमृत पिला सको ना किसी को…जहर मिलते भी डरना |
धीरज बन्धा नहीँ सकते तो…घाव किसी के मत करना |
ईश्वर के नाम की माला लेकर…सुबह शाम जपा करना ||
भला किसी का कर ना सको तो…बुरा किसी का मत करना
राम नाम रस पीजे मनुवाँ राम नाम रस पीजै ।
तज कुसंग सत्संग बैठ नित हरि चर्चा सुन लीजै ॥
काम क्रोध मद लोभ मोह को बहा चित्त से दीजै ।
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर ताहिके रंग में भीजै ॥