हरी हरी ओम जया नारायाणा भजन

हरी हरी ओम जया नारायाणा भजन

हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
श्रीधरा सृिकरा स्रिवाटसंकिता, सृिता जाना वत्सला ओम
श्री मधुसूधाना श्री माधुरानाना त्रिभुवना पलाका ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
नतजना रंजना मदजना भँजना सतचिन्मया हरी ओम
श्री मधुसूधाना श्री माधुरानाना त्रिभुवना पलाका ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
हरी हरी ओम जया नारायाणा परिपोरना करना ओम
जया जया शंकु सू चकरा गड़भार पीताम्बाराधारा ओम
 


श्रीमन नारायण नारायण हरी हरी - VIDHI SHARMA | SHREEMAN NARAYAN NARAYAN HARI HARI WITH LYRICS - DHUN
 

Song: Shreeman Narayan Narayan Hari Hari
Singer: Vidhi Sharma
Lyrics: Traditional
Music: Lovely Sharma

नारायण के इस भजन में उनकी दिव्यता और करुणा का गुणगान है, जो हर भक्त के हृदय को आलोकित करता है। शंख, चक्र, गदा और पीतांबर धारी विष्णु, सृष्टि के पालक, भक्तों के रक्षक हैं। उनकी छवि ऐसी है, मानो सूरज की किरणें अंधेरे को चीर दें। वह श्रीधर हैं, जो संसार का आधार धरते हैं; मधुसूदन, जो मधुरता से बुराइयों का अंत करते हैं।

संत की तरह यह भजन हमें पुकारता है—हरी का नाम जपो, क्योंकि वही सत्य और चेतना है। चिंतक की भाँति यह सिखाता है कि नारायण का स्वरूप केवल मूर्ति नहीं, बल्कि वह शक्ति है जो त्रिभुवन को संभालती है। जैसे कोई नदी किनारों को छूकर आगे बढ़ती है, वैसे ही नारायण का प्रेम हर भक्त को स्पर्श कर मुक्ति की राह दिखाता है।

धर्मगुरु की सीख है—नतजनों का रंजन करने वाले, मद भंजन करने वाले हरी की शरण लो। वह वत्सल हैं, जो भक्तों को गोद में बिठाते हैं। उदाहरण लें तो, जैसे माँ बच्चे का हर दुख सह लेती है, वैसे ही नारायण भक्तों का भार उठाते हैं। यह भजन कहता है—हरी का नाम लो, उनके गुण गाओ, क्योंकि उनकी भक्ति में ही जीवन की परिपूर्णता है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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