शिं शिव कवच, ऋषभ योगीश्वर द्वारा रचित, एक पवित्र मंत्र है जो महादेव की असीम शक्ति का आह्वान करता है। यह कवच केवल शब्द नहीं, बल्कि वह ढाल है जो भक्त को हर संकट से बचाती है। शिव, जो विश्व के स्वामी और संसार के पालक हैं, इस कवच में अपनी अष्टमूर्तियों—भूमि, जल, अग्नि, वायु, आकाश, चंद्र, सूर्य और यजमान—के रूप में प्रकट होते हैं। जैसे माँ अपने बच्चे को हर आंधी से बचाती है, वैसे ही शिव भक्त के चारों ओर रक्षा-चक्र बनाते हैं।शूलपाणये कवचाय हुम् ।
उत्पाततापविषभीतिमसद्ग्रहार्तिं व्याधींश्च नाशयतु मे जगतामधीशः ॥ ॐ नमो भगवते सदाशिवाय
शिव कवच लिरिक्स Lord Shiva Kavacha Hindi English पूर्ण शिव कवच संस्कृत
शिव कवच एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र है, जिसे भगवान शिव की कृपा और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। यह कवच स्कंद पुराण का एक हिस्सा है और इसे ऋषभ ऋषि ने तैयार किया था। मान्यता है कि भगवान शिव के परम भक्त ऋषभदेव ने इस मंत्र को राजकुमार भद्रायु को सिखाया था, जिससे वह अपने खोए हुए राज्य को पुनः प्राप्त कर सके। शिव कवच में भगवान शिव की अपार शक्ति, ज्ञान और सुरक्षा का वर्णन है।
इस कवच का उच्चारण करते समय विशेष नियमों का पालन किया जाता है। इसमें "ह्रीं," "श्रीं," और "क्लीं" जैसे बीज मंत्रों का प्रयोग होता है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा और शक्ति का संचार करते हैं। शिव कवच को पढ़ने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार के भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है। यह मंत्र भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और आत्मबल को बढ़ाने में सहायक है। शिव कवच के नियमित जाप से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आत्मा का कल्याण होता है।
शिव कवच, ऋषभ योगीश्वर द्वारा रचित, एक पवित्र मंत्र है जो महादेव की असीम शक्ति का आह्वान करता है। यह कवच केवल शब्द नहीं, बल्कि वह ढाल है जो भक्त को हर संकट से बचाती है। शिव, जो विश्व के स्वामी और संसार के पालक हैं, इस कवच में अपनी अष्टमूर्तियों—भूमि, जल, अग्नि, वायु, आकाश, चंद्र, सूर्य और यजमान—के रूप में प्रकट होते हैं। जैसे माँ अपने बच्चे को हर आंधी से बचाती है, वैसे ही शिव भक्त के चारों ओर रक्षा-चक्र बनाते हैं।
मन को शुद्ध कर, हृदय में शिव का ध्यान करो। वे त्रिनेत्रधारी, चंद्रशेखर, गंगाधर हैं, जो पंचाक्षर मंत्र में बसते हैं। एक संत की तरह यह अनुभव होता है—जो शिव का नाम जपता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं। कवच की हर पंक्ति कहती है कि शिव हर दिशा, हर याम, हर स्थिति में साथ हैं—चाहे मार्ग हो, जंगल हो, या कल्पांत का प्रलय।
एक चिंतक की दृष्टि से यह कवच जीवन का दर्शन है। शिव का पिनाक धनुष और त्रिशूल केवल शत्रुओं को ही नहीं, बल्कि भीतर के मोह, क्रोध, और भय को भी नष्ट करते हैं। यह सिखाता है कि सच्ची शक्ति बाहरी विजय में नहीं, आत्मा की निर्मलता में है।
हर अंग की रक्षा के लिए शिव का आह्वान करो—मस्तक पर चंद्रमौली, नेत्रों में भालनेत्र, कंठ में नीलकंठ। एक धर्मगुरु की तरह मन कहता है—जो इस कवच को श्रद्धा से पढ़े, वह न केवल बाहरी विपत्तियों से, बल्कि स्वप्न, दुख, और ग्रह-बाधाओं से भी मुक्त होता है।
हे भक्त, शिव कवच को हृदय में धारण करो। यह मंत्र तुम्हें जीवन के हर युद्ध में विजयी बनाएगा। शिव की शरण में जाओ, क्योंकि वे ही सदा तुम्हारे रक्षक हैं।
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