मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी

मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी

मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,

सर्व सुहागन मिलके आओ करके सगरी तैयारी जी,
गंगाजल शिव चरण पखारो घोलो मेहँदी प्यारी जी,
मईया के हाथा में मंडावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,

रोरी लाल मोली लाल लाल चुनरी प्यारी जी,
चुरो लाल कब्जो लाल लाल जरी की साड़ी जी,
रोरी लाल मोली लाल लाल चुनरी प्यारी जी,
चुरो लाल कब्जो लाल लाल जरी की साड़ी जी,
लाल से लाल रंग मिलावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,

लाल सुरंगी मेहँदी माँ के हाथा ऐसी राचे जी,
सूरज की लाली भी आके आगे फीकी लागे जी,
लाली की सोभन बढ़ावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मईया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,

लखदातार दयालु म्हारी झुंझन वाली दादी जी,
बेटा-पोता अनधन दीन्ही कोई कमी ना राखी जी,
मन का चाया दादी से पावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मैया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,
चांदी की चौकी पर बिठावा जी,
रचावा मेहँदी राचणी,
मैया के हाथा में रचावा मेहँदी राचणी,
 
सुन्दर भजन में श्रद्धा और भक्ति का अनुपम उल्लास प्रकट होता है। माँ के चरणों में समर्पण, उनकी आराधना का सजीव चित्रण, और मेहँदी की लालिमा से सजे हुए उनके कर कमल—यह सब भक्त की गहरी आस्था को दर्शाते हैं।

मेहँदी का यह अनुष्ठान केवल बाह्य श्रृंगार नहीं, बल्कि भक्त और माँ के बीच की आत्मीयता का प्रतीक है। जब भक्त माँ के हाथों में मेहँदी रचाता है, तब यह प्रेम और समर्पण का उच्चतम स्वरूप होता है। सुहागन स्त्रियों का समवेत रूप से इस अनुष्ठान में शामिल होना यह दर्शाता है कि माँ के प्रति श्रद्धा और प्रेम संपूर्ण समाज को एक सूत्र में बांधता है।

माँ की कृपा को लाल चुनरी और मेहँदी के रंग से दर्शाया गया है, जहाँ भक्त यह स्वीकार करता है कि उनकी छवि संसार की सभी सुंदरताओं से अधिक दिव्य है। यह भाव आत्मसमर्पण और भक्ति की पराकाष्ठा को इंगित करता है—जहाँ सांसारिक मोह विलीन हो जाता है, और केवल माँ के चरणों में ही सुख और शांति प्राप्त होती है।

जीवन की कठिनाइयों को दूर करने वाली, भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने वाली माँ का यह भाव भक्त को निश्चिंत कर देता है। जो भी उनके चरणों में अपने मन को अर्पित करता है, वह हर बाधा से मुक्त होकर सच्चे आनंद का अनुभव करता है। यह भजन माँ के प्रेम और उनकी कृपा का अटूट संदेश देता है।
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