दादी दादी जपेजा सुबहो शाम
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम
जय दादी की, जय दादी की,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा
दादी संग में..
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
जय दादी की, जय दादी की,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
सारे जग की सेठानी यें..
सारे जग की सेठानी ये, झोली सब की भरती,
सारे जग की सेठानी यें, झोली सब की भरती,
चुनड़ी के पल्ले से दादी सुख की वर्षा करती
चुनड़ी के पल्ले से दादी सुख की वर्षा करती
तेरे हर लेगी,
तेरे हर लेगी दुखड़े का मान भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
झूठे सारे जग के नाते..
हाँ.. झूठे सारे जग के नाते सुख में साथ निभाएं
हाँ.. झूठे सारे जग के नाते सुख में साथ निभाएं
संकट के घड़ियों में लेकिन दादी दौड़ी आये
संकट के घड़ियों में लेकिन दादी दौड़ी आये
सांचा सांचा है..
सांचा सांचा है दादी जी का नाम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी..
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी और सम्मान मिलेगा
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी और सम्मान मिलेगा
गर तेरे ह्रदय में दादी जी का ध्यान मिलेगा
गर तेरे ह्रदय में दादी जी का ध्यान मिलेगा
अपने मन को..
अपने मन को बनाले दादी धाम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
छोड़के सारी चिंता सूरज..
छोड़के सारी चिंता सूरज दादी के गुण-गाले
छोड़के सारी चिंता सूरज दादी के गुण-गाले
जीवन की नईया को करदे मईया के हवाले
जीवन की नईया को करदे मईया के हवाले
दादी पूरण..
दादी पूरण करेगी हर काम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा
दादी संग में..
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
जय दादी की, जय दादी की,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा
दादी संग में..
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
जय दादी की, जय दादी की,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
सारे जग की सेठानी यें..
सारे जग की सेठानी ये, झोली सब की भरती,
सारे जग की सेठानी यें, झोली सब की भरती,
चुनड़ी के पल्ले से दादी सुख की वर्षा करती
चुनड़ी के पल्ले से दादी सुख की वर्षा करती
तेरे हर लेगी,
तेरे हर लेगी दुखड़े का मान भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
झूठे सारे जग के नाते..
हाँ.. झूठे सारे जग के नाते सुख में साथ निभाएं
हाँ.. झूठे सारे जग के नाते सुख में साथ निभाएं
संकट के घड़ियों में लेकिन दादी दौड़ी आये
संकट के घड़ियों में लेकिन दादी दौड़ी आये
सांचा सांचा है..
सांचा सांचा है दादी जी का नाम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी..
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी और सम्मान मिलेगा
अनधन लक्ष्मी खूब मिलेगी और सम्मान मिलेगा
गर तेरे ह्रदय में दादी जी का ध्यान मिलेगा
गर तेरे ह्रदय में दादी जी का ध्यान मिलेगा
अपने मन को..
अपने मन को बनाले दादी धाम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
छोड़के सारी चिंता सूरज..
छोड़के सारी चिंता सूरज दादी के गुण-गाले
छोड़के सारी चिंता सूरज दादी के गुण-गाले
जीवन की नईया को करदे मईया के हवाले
जीवन की नईया को करदे मईया के हवाले
दादी पूरण..
दादी पूरण करेगी हर काम भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम भगत सुख पायेगा,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम,
भगत सुख पायेगा
दादी संग में..
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
दादी संग में रहेगी आठोंयाम
भगत सुख पायेगा
जय दादी की, जय दादी की,
जय दादी की, जय दादी की,
दादी दादी जपेजा सुबहो शाम।
सुन्दर भजन में श्रद्धा, भक्ति और माँ के प्रति अटूट विश्वास की गहन अनुभूति प्रकट होती है। ईश्वर और देवी की आराधना में यह भाव स्पष्ट होता है कि जब मनुष्य हर सुबह और शाम उनका स्मरण करता है, तब उसे सुख और शांति प्राप्त होती है।
माँ की कृपा से भक्त के जीवन की हर कठिनाई दूर होती है। उनकी चुनरी से सुख की वर्षा होती है, जो यह संकेत देती है कि उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और आनंद का अनुभव किया जा सकता है। भक्त का मन माँ के नाम में रमा रहता है, और उसकी कठिनाइयाँ स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं।
जीवन की सबसे कठिन घड़ियों में जब संसार की मान्यताएँ साथ नहीं देतीं, तब माँ का आशीर्वाद भक्त के साथ होता है। संकट में उनका स्मरण करने से मन को असीम शांति मिलती है। जब मनुष्य उनका नाम जपता है, तब उसकी आत्मा भी पवित्र और निर्भय हो जाती है।
आध्यात्मिक चेतना का यह स्वरूप इस भजन में स्पष्ट होता है—जहाँ माँ के प्रति अटूट श्रद्धा हर सांस में व्याप्त हो जाती है। जो व्यक्ति उनका ध्यान करता है, उसे धन, सम्मान, और सुख-शांति सहज ही प्राप्त हो जाती है।