दरबार हजारों है ऐसा दरबार कहाँ लिरिक्स Darbar Hajaro Hain Aisa Darbar Kaha Lyrics


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दरबार हजारों है ऐसा दरबार कहाँ लिरिक्स Darbar Hajaro Hain Aisa Darbar Kaha Lyrics

दरबार हजारों है,
ऐसा दरबार कहाँ
जो श्याम से मिलता है,
कहो मिलता प्यार कहाँ।

जो आस लगा के, दरबार में आता है
खाली झोली आता, भर के ले जाता है
मांगे से मिल जाए, ऐसा भण्डार कहां
दरबार हजारों है,
ऐसा दरबार कहाँ
जो श्याम से मिलता है,
कहो मिलता प्यार कहाँ।

सबके मन की बातें, बड़े ध्यान से सुनता है
फरियाद सुने बाबा, और पूरी करता है
जहां सबकी सुनाई हो, ऐसी सरकार कहां
दरबार हजारों है,
ऐसा दरबार कहाँ
जो श्याम से मिलता है,
कहो मिलता प्यार कहाँ।

कोई प्रेमी बाबा, जब हमको मिल जाए
सब रिश्तो से बढ़कर एक रिश्ता बन जाए
ये श्याम धणी का है, ऐसा परिवार कहां
दरबार हजारों है,
ऐसा दरबार कहाँ
जो श्याम से मिलता है,
कहो मिलता प्यार कहाँ।

बिन्नू ने जो चाहा है दरबार से पाया है
यही अपना सब कुछ है, संसार पराया है
इसे छोड़ मेरा सपना, होगा साकार कहां
दरबार हजारों है,
ऐसा दरबार कहाँ
जो श्याम से मिलता है,
कहो मिलता प्यार कहाँ।


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