मैं तुझको पसंद आऊं, मैं तेरे दिल को भाऊं, ऐसा मुझको बना, ऐसा मुझको बना –(2)
मेरे अंदर तेरी आदतों को भर दे, मेरे अंदर तेरी चाहतों को भर दे –(2) मैं तुझको पसंद…….. |
मैं न करूँ मेरे मन की, दौडूँ तेरी मर्ज़ी को –(2) लग जाये ऐसी लत तेरी कुछ और न अब रिझाये।
तेरी हर ख्वाईस को, मैं अपनी आदत बना लूं ऐसा मुझको बना, ऐसा मुझको बना –(2)
मेरे अंदर तेरी आदतों को भर दे , मेरे अंदर तेरी चाहतों को भर दे –(2) मैं तुझको पसंद आऊं …….|
ऐसा मुझको बना येशु ए तुझसा हो ना जाऊं मैं
ऐसा तू भर दे –(2) ऐसा तू भर दे मुझे खुदसा बना दे –(2) खुदसा बना दे मुझे
तेरी हर ख्वाईस को, मैं अपनी आदत बना लूं ऐसा मुझको बना, ऐसा मुझको बना।
Aisa Mujhko Bana | Ashish Charan feat. Praneet Calvin
प्रभु के प्रति यह आत्मा की पुकार है कि मैं वैसा बनूं, जो उनके दिल को भाए। यह प्रार्थना है कि जीवन उनके रंग में रंग जाए, उनकी इच्छा में समा जाए। जैसे कोई मिट्टी कुम्हार के हाथों में ढलकर सुंदर रूप लेती है, वैसे ही आत्मा प्रभु के प्रेम में ढलना चाहती है।
उनकी आदतें, उनकी चाहतें मन में बस जाएं, जैसे सांसों में सुगंध घुल जाती है। यह ऐसा समर्पण है, जहां मन की इच्छाएं गौण हो जाएं, और केवल प्रभु की मर्जी ही मार्ग बने। उनकी भक्ति ऐसी लत बन जाए, जो संसार की किसी और चीज को फीका कर दे, जैसे सूरज की रोशनी के सामने तारे मद्धम पड़ जाते हैं।
प्रभु की हर ख्वाहिश को आदत बनाना, उनका हर गुण आत्मसात करना—यह जीवन का लक्ष्य है। यह प्रार्थना है कि मैं येशु-सा बनूं, उनकी छवि में ढल जाऊं, जैसे कोई दर्पण साफ होकर सूरज की किरणों को पूर्णता से उजागर करता है। यह प्रेम और भक्ति का आलिंगन है, जो आत्मा को प्रभु के स्वरूप में बदल देता है, जहां केवल उनकी महिमा और उनका प्रेम ही जीवंत रहता है।