चल पड़ा शिव का पुजारी शिव को मनाने के लिए
हाथ में गंगा जल गडवा शिव को चड़ने के लिए
बैठ गया शिवलिंग के आगे, करने लगा अस्तुतीयाँ
हाथ जब ऊपर उठाया, घंटा बजाने के लिए
देख कर सोने का घंटा, पाप मन में आ गया
हो गया तैयार वह तो घंटा चुराने के लिए
चढ़ गया शिवलिंग के ऊपर घंटा ले जाने के लिए
हो गए प्रगट शंभू दर्शन दिखने के लिए
जल चढाते हैं सभी मुझ को मानाने के लिए
तू तो खुद ही चढ़ गया मुझ को रिझाने के लिए
हाथ में गंगा जल गडवा शिव को चड़ने के लिए
बैठ गया शिवलिंग के आगे, करने लगा अस्तुतीयाँ
हाथ जब ऊपर उठाया, घंटा बजाने के लिए
देख कर सोने का घंटा, पाप मन में आ गया
हो गया तैयार वह तो घंटा चुराने के लिए
चढ़ गया शिवलिंग के ऊपर घंटा ले जाने के लिए
हो गए प्रगट शंभू दर्शन दिखने के लिए
जल चढाते हैं सभी मुझ को मानाने के लिए
तू तो खुद ही चढ़ गया मुझ को रिझाने के लिए
Chal Pada Shiv Ka Pujaaree Shiv Ko Manaane Ke Lie
Haath Mein Ganga Jal Gadava Shiv Ko Chadane Ke Lie
Baith Gaya Shivaling Ke Aage, Karane Laga Astuteeyaan
Haath Jab Oopar Uthaaya, Ghanta Bajaane Ke Lie
Dekh Kar Sone Ka Ghanta, Paap Man Mein Aa Gaya
Ho Gaya Taiyaar Vah To Ghanta Churaane Ke Lie
Chadh Gaya Shivaling Ke Oopar Ghanta Le Jaane Ke Lie
Ho Gae Pragat Shambhoo Darshan Dikhane Ke Lie
Jal Chadhaate Hain Sabhee Mujh Ko Maanaane Ke Lie
Too To Khud Hee Chadh Gaya Mujh Ko Rijhaane Ke Lie
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