तू शिव का ध्यान लगाया कर

तू शिव का ध्यान लगाया कर

तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव नमह शिवाय गाया कर,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव ध्यान रखेंगे सदा तेरा,
तू शिव का ध्यान लगाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर।

शिव करुणा का सागर तेरे,
आंगन में नित बरसेगा,
शिव भजन अमृत रोज पिया कर,
मन प्यासा ना तरसेगा,
शिव ही मुक्ति के दाता है,
ये बात ना तू बिसराया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर।

शिव भक्ति की भस्म लगा ले,
माथे की रेखाओ पर,
भाग्य बदलनी है तो रख दे,
शीश को शिव के पाँवो पर,
महादेव हैं देवों के इनको,
हृदय में तू बसाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर।

अलख निरंजन भय भंजन,
बाबा भोले भंडारी,
तीनो लोको के स्वामी,
विश्वनाथ शिव त्रिपुरारी,
मन मिट्ठू को रोज,
इनका पाठ पढ़ाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर।

तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव नमह शिवाय गाया कर,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर,
शिव ध्यान रखेंगे सदा तेरा,
तू शिव का ध्यान लगाया कर,
तू सुबह सुबह शिव पिण्डी पे,
जल प्रेम से रोज चढ़ाया कर।

भजन श्रेणी : शिव भजन ( Shiv Bhajan)

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