चरणों का पुजारी हू तेरे दर का भिखारी हू लिरिक्स
चरणों का पुजारी हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
ये मेरी हक़ीकत है,
चहू और मुसीबत है,
हारा हुआ प्राणी हूँ,
सुनले यदि फ़ुर्सत है,
उमरा तेरी यादो में,
प्रभु क्या ना गुजारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
रुख़ नेक मिलाओ तो,
दिल दिल से लगाओ तो,
मुद्दत से जो प्यासा हूँ,
दो घुट पिलाओ तो,
तस्वीर अदा तेरी,
इस दिल में उतारी है,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
हर बात समझते हो,
अंजान भी बनते हो,
नाराजी है क्या ऐसी,
दिलदार ना मनते हो,
दीवाना हूँ जिस दिन से,
छवि नेक निहारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
शिव श्याम बहादुर के,
दो नैनो के ज्योति हो,
करुणा ही तेरी प्यारे,
बदनाम जो होती हो,
कहने भी नही पाता,
नौकर सरकारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
चरणों का पुजारी हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ,
जिंदगी दाव पे रख दी,
प्रभु ऐसा जुआरी हूँ।
यह भजन एक भक्त द्वारा भगवान कृष्ण की भक्ति में गाया गया है। भक्त भगवान कृष्ण को "प्रभु" और "श्याम" कहकर संबोधित करता है। ये दोनों संबोधन भगवान कृष्ण के लिए प्यार और सम्मान के साथ प्रयुक्त होते हैं।
भजन की शुरुआत में, भक्त भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति का वर्णन करता है। वह कहता है कि वह भगवान कृष्ण का भक्त है और वह भगवान कृष्ण की शरण में है।
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