मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता,
कुछ तो सोच विचार रहम कर,
दीनानाथ कुहाता कुहाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
ध्रुव प्रहलाद सुदामा जैसी,
धीर कहा से लाऊँ,
प्राणी हूँ कलिकाल का भगवन,
हर पल धीर गवाऊं,
जैसा भी पर सेवक तेरा,
काहे इसे लजाता लजाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
कष्ट अनेको सहता गया मैं,
लेकर नाम तुम्हारा,
भूल गए क्यू नाथ पूछते,
कभी तो हाल हमारा
दुखियो के हो सखा
टूट गया क्या मुझ से ही नाता ओ नाता,
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
आना हो तो आ बेदर्दी,
अब तो सहा न जाये,
तेरे रहते कस्ट सताए,
कैसी साख निभाए,
फिर ना कहना, नहीं पुकारा,
कैसे दर्द मिटाता ओ मिटाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
जो गति होगी नाथ सहूँगा,
और भला क्या चारा
तेरे बस में हम,
पर तुझ पर चले ना जोर हमारा
नंदू सहले श्याम सुमरले,
मनुवा धीर बंधाता बंधाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
तू बैठा मौज उड़ाता,
कुछ तो सोच विचार रहम कर,
दीनानाथ कुहाता कुहाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
ध्रुव प्रहलाद सुदामा जैसी,
धीर कहा से लाऊँ,
प्राणी हूँ कलिकाल का भगवन,
हर पल धीर गवाऊं,
जैसा भी पर सेवक तेरा,
काहे इसे लजाता लजाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
कष्ट अनेको सहता गया मैं,
लेकर नाम तुम्हारा,
भूल गए क्यू नाथ पूछते,
कभी तो हाल हमारा
दुखियो के हो सखा
टूट गया क्या मुझ से ही नाता ओ नाता,
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
आना हो तो आ बेदर्दी,
अब तो सहा न जाये,
तेरे रहते कस्ट सताए,
कैसी साख निभाए,
फिर ना कहना, नहीं पुकारा,
कैसे दर्द मिटाता ओ मिटाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
जो गति होगी नाथ सहूँगा,
और भला क्या चारा
तेरे बस में हम,
पर तुझ पर चले ना जोर हमारा
नंदू सहले श्याम सुमरले,
मनुवा धीर बंधाता बंधाता
मैं दुखिया नीर बहाता,
तू बैठा मौज उड़ाता।
यह भजन एक भक्त द्वारा भगवान कृष्ण से प्रार्थना है। भक्त भगवान कृष्ण से कहता है कि वह बहुत दुखी है और वह भगवान कृष्ण से मदद मांगता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं